सचल अस्पताल वाहन का संचालन बंद, कैसे हो मरीजों का इलाज
जागरण संवाददाता वनगावां (चंदौली) बीमार सेहत के उपचार को शासन भले ही योजनाएं लागू कर क
जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली) : बीमार सेहत के उपचार को शासन भले ही योजनाएं लागू कर करोड़ों रुपये पानी की तरह बहा रहा हो पर जनता को स्वास्थ्य योजनाएं देने वाले संसाधन ही बीमार हैं। नजीर के तौर पर सचल अस्पताल वाहन सेवा को देखा जा सकता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में खड़े वाहन जंग खा रहे हैं। तत्कालीन जिलाधिकारी हेमंत कुमार ने सचल अस्पताल बस सेवा की सुधि ली तो शहाबगंज व नौगढ़ में लोगों को सुविधा का लाभ मिलना शुरू हो गया था, लेकिन उनके स्थानांतरण के साथ सेवा ठप हो गई।
शासन ने एक दशक पूर्व महामाया सचल अस्पताल वाहन स्वास्थ्य केंद्रों को आवंटित किया था। ठेकेदारी प्रथा से चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्वास्थ्य कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। गांवों में डायरिया समेत अन्य संक्रामक बीमारी व प्रसव के दौरान सचल अस्पताल वाहन चिकित्सकों व कर्मचारियों के साथ गांव-गांव में पहुंच आवश्यक उपचार करता था। यह वाहन पूरी तरह वातानुकूलित होने के साथ ही आपरेशन से लेकर तमाम सुविधाओं से लैश था, लेकिन सत्ता बदलते ही सचल अस्पताल वाहन खुद के वारिश की तलाश में है। संयुक्त चिकित्सालय परिसर में बहुत दिनों तक लावारिश हालत में पड़े वाहन को करीब पांच वर्ष पूर्व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में कर खड़ा कर दिया गया। तब से आज तक यह वाहन जहां का तहां पड़ा है। दरअसल, सचल अस्पताल वाहन चकिया, शहाबगंज व नौगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को भी मिला था।
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सचल अस्पताल वाहन यहां कब उपलब्ध हुआ। किसके अधीन रहा जैसी तमाम जानकारियों से संबंधित कोई दस्तावेज अस्पताल में नहीं है। हालांकि वाहन की मरम्मत कर जनता के लिए उपयुक्त करने संबंधित पत्र विभाग को कई बार भेजा जा चुका है,लेकिन कोई दिशा निर्देश नहीं मिला।
डॉ. हरिश्चंद्रा, चिकित्सा अधीक्षक