शुरू हो गया इंट्री का खेल, तिरपाल ढंककर ट्रकों से ढो रहे बालू
ओवरलोडिग रोकने को जिला प्रशासन लाख दावा कर ले पर हाईवे व ग्रामीण सड़कों पर गुजरते बालू लदे ट्रक व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। ऐसे वाहनों पर कोई लगाम ही नहीं लग पा रही है।
जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : ओवरलोडिग रोकने को जिला प्रशासन लाख दावा कर ले पर हाईवे व ग्रामीण सड़कों पर गुजरते बालू लदे ट्रक व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। ऐसे वाहनों पर कोई लगाम ही नहीं लग पा रही है। नौबतपुर से प्रवेश कर राष्ट्रीय राजमार्ग 2 से वाराणसी की और सैयदराजा जमानिया मार्ग होते हुए सकलडीहा कमालपुर के रास्ते गाजीपुर को दिन हो या रात बेधड़क गुजर जाते हैं। इनमें अधिकतर ओवरलोड ट्रकें तिरपाल गुरजते है।
कुछ दिन पहले ही प्रमुख सचिव समेत कमिश्नर ने ओवरलोड वाहनों का संचालन पूर्ण रूप से रोकने का आदेश दिया था। कुछ दिन तक तो ऐसे वाहनों पर कार्रवाई हुई लेकिन फिर वही ढर्रा चलने लगा। जिस तरह से ट्रकों और डंपरों का चलना शुरू हुआ है उससे यह कहने में गुरेज नहीं कि जिले में फिर से इंट्री का खेल शुरू हो गया है।
जिस ट्रक की नहीं इंट्री, उस पर नजर
ओवरलोड डंपर और ट्रकों की इंट्री का खेल इस कदर चलता है कि जिस वाहन की इंट्री नहीं होती उस पर अधिकारियों की नजर रहती है। उसे तुरंत पकड़कर चालान कर दिया जाता है। बार-बार चालान से बचने के लिए आखिरकार ट्रक चालक विभागों के नियमों का अनुपालन करते हैं।
तिरपाल है एंट्री का कोड
ओवरलोड डंपर और ट्रक चलाने के लिए एंट्री देने के बाद कोड दिया जाता है। अब हाल में एंट्री का कोड तिरपाल है। एंट्री देने वाले ट्रकों पर चालक तिरपाल डाल लेता है। तिरपाल लगे डंपर को कोई भी नहीं पकड़ता। जो भी वाहन बिना तिरपाल मिलता है उसे तुरंत रुकवा लिया जाता है।
रात दस बजे के बाद दौड़ते वाहन
ओवरलोड डंपर ज्यादातर रात को दस बजे क बाद ही रोड पर आते हैं। दिन में यह ट्रक बिहार में या बार्डर के पास नौबतपुर में रुके रहते है। दलाल और बालू माफियाओं को पता है दिन में ज्यादा चले तो कोई ना कोई अधिकारी देख लेगा। रात दस बजे के बाद जिले की सड़कों पर ओवरलोड डंपर यमराज का रूप धारण कर दौड़ने लग जाते हैं।
वर्जन-
ओवरलोड ट्रकों पर लगातार करवाई की जाती है। बहुतों के चालान किए गए हैं। विभागीय टीमों का क्षेत्र बंटा है, जो बराबर कार्रवाई भी कर रही है।
विजय प्रताप सिंह, एआरटीओ