लाटरी से निकलेगा गरीब बच्चों का भविष्य, कान्वेंट स्कूल में होगा दाखिला
गरीब परिवार के नौनिहालों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हे
जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली) : गरीब परिवार के नौनिहालों के लिए खुशखबरी है। अब उन्हें अपने बच्चों की पढ़ाई के लिए पैसे नहीं खर्च करने होंगे। उनके बच्चे कान्वेंट व प्राइवेट स्कूलों में दाखिला पाएंगे। नर्सरी व पहली कक्षा में प्रवेश लेने वाले नौनिहालों को आठवीं तक मुफ्त शिक्षा मिलेगी। इसके अलावा ड्रेस, पुस्तक, कापी का खर्च भी सरकार उठाएगी। इसके लिए अभिभावक के बैंक खाता में धन आएगा। शासन ने नया सत्र शुरू होने से पूर्व एक बार फिर आवेदन करने का मौका दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग वेबसाइट पर ऑलाइन के साथ ही बीईओ कार्यालय में ऑलाइन आवेदन लिए जाएंगे। विभाग के मुताबिक, दो मार्च से पहले चरण का आवेदन शुरू हो गया है। लाटरी निकलने के बाद चयनित बच्चों का नजदीकी कान्वेंट स्कूल में दाखिला होगा। दरअसल, अनिवार्य एवं निश्शुल्क बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत दुर्बल वर्ग व अलाभित समूह के बच्चों को कान्वेंट स्कूलों में नर्सरी व कक्षा एक में प्रवेश की सुविधा है। प्रवेश प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने के लिए उसे आनलाइन कर दिया गया है। आवेदन विभाग के पोर्टल पर होगा। इससे कान्वेंट स्कूलों की मनमानी नहीं चलेगी। गरीब बच्चे बिना किसी दुविधा के पढ़ सकेंगे। हालांकि आफलाइन व्यवस्था भी लागू की है ताकि दाखिला के लिए उन्हें परेशान न होना पड़े। इससे चयनित बच्चे के प्रवेश में विभाग को सहूलियत होगी। महानिदेशक (स्कूल शिक्षा) विजय किरन आनंद ने इसके लिए सूबे के सभी जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं।
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तीन चरणों में होगा आवेदन
विभागीय अधिकारियों के अनुसार, कान्वेंट स्कूलों में गरीब के बच्चों के दाखिले की प्रक्रिया तीन चरणों में पूरी होगी। पहले चरण में दो मार्च से 26 मार्च दूसरे चरण में चार अप्रैल से 24 अप्रैल और तीसरे चरण में चार मई से 10 जून तक आवेदन होंगे। वहीं बीएसए द्वारा पहले चरण का सत्यापन 27 मार्च से 30 मार्च तक, दूसरे चरण में 25 अप्रैल से 29 अप्रैल व तीसरे चरण में 11 जून से 15 जून तक सत्यापन कर उसे लाक किया जाएगा। पहले चरण की लाटरी 31 मार्च, दूसरे चरण की 30 अप्रैल और तीसरे चरण की 16 जून को निकाली जाएगी। इसके बाद कान्वेंट स्कूलों में चरणवार पांच अप्रैल, 11 मई व 15 जुलाई को चयनित नौनिहालों का प्रवेश होगा।
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वर्जन..
गरीब परिवार के बच्चों की पढ़ाई कान्वेंट व प्राइवेट स्कूलों में कराने की योजना है, ताकि सभी बच्चों को समान शिक्षा मिल सके। निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा अधिकार अधिनियम 2009 के तहत लाटरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद चयनित बच्चों का दाखिला कराया जाएगा। इसके लिए तीन चरणों में आवेदन करने का मौका दिया गया है।
-पीसी यादव, खंड शिक्षा अधिकारी शहाबगंज।