पुलिया की बाहीं क्षतिग्रस्त, दुर्घटना को आमंत्रण
क्षतिग्रस्त पुलिया की बाहीं इन दिनों राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। यदि जरा-सी चूक हुई तो नहर में गिरना तय है। इतना ही नहीं वाहनों से भी आवागमन के दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बात कर रहे हैं डूही-सूही गांव के निकट लेफ्ट कर्मनाशा नहर पर बनी पुलिया के क्षतिग्रस्त बाहीं की।
जासं, चकिया (चंदौली) : क्षतिग्रस्त पुलिया की बाहीं इन दिनों राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। यदि जरा-सी चूक हुई तो नहर में गिरना तय है। इतना ही नहीं वाहनों से भी आवागमन के दौरान दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। बात कर रहे हैं डूही-सूही गांव के निकट लेफ्ट कर्मनाशा नहर पर बनी पुलिया के क्षतिग्रस्त बाहीं की।
नगर में प्रवेश करने के लिए आस-पास के कई गांवों के लोगों का उक्त पुलिया से आना जाना होता है। बोदारा कला, डूही-सूही, पचवनियां, केराडीह, तियरी, बेदौली, चंडीपुर, इसहुल समेत दर्जनों गांवों को जोड़ने वाले पुलिया का बाहीं करीब एक दशक से क्षतिग्रस्त है। पुलिया से एक किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, संयुक्त चिकित्सालय, बीआरसी व आदित्य नारायण राजकीय इंटर कालेज है। ऐसे में शिक्षक, मरीज व छात्र पुलिया से आसानी से पहुंचते हैं। पुलिया की एक छोर की बाही क्षतिग्रस्त है। इससे आए दिन लोग नहर में गिरकर चोटिल तो हो ही रहे हैं, दोनों ओर से आने वाले बड़े वाहन भी पुलिया से गुजरते समय फंस जाते हैं। इससे आवागमन बाधित हो जाता है। रात के अंधेरे में पुलिया से गुजरने वाले लोगों को परेशानी होती है। चूक हुआ नहीं कि हाथ-पैर टूटना तय है। बंशीधर पांडेय, राजेश चौहान, मुन्ना चौहान, जमुना सिंह, पंकज सिंह, रामलखन मिश्र, संजीव कुमार आदि ने बताया समस्या को लेकर कई बार लिखित व मौखिक रूप से शिकायत प्रशासन से की गई। लेकिन, अफसर इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो किसी दिन बड़ी दुर्घटना हो सकती है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है।
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वर्जन..
पुलिया की बाहीं क्षतिग्रस्त होने की जानकारी नहीं है। समस्या को संज्ञान में लेकर संबंधित विभाग से मरम्मत कराई जाएगी ताकि जनता को आवागमन में परेशानी न उठानी पड़े।
सीपू गिरि, उप जिलाधिकारी