स्कूल की नहीं बन सकी चहारदीवारी, कायाकल्प पर उठ रहे सवाल

जागरण संवाददाता वनगावां (चंदौली) तमाम प्रयासों के बावजूद परिषदीय विद्यालयों की हालत में सुधार

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 09:13 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 09:13 PM (IST)
स्कूल की नहीं बन सकी चहारदीवारी, कायाकल्प पर उठ रहे सवाल
स्कूल की नहीं बन सकी चहारदीवारी, कायाकल्प पर उठ रहे सवाल

जागरण संवाददाता, वनगावां (चंदौली) : तमाम प्रयासों के बावजूद परिषदीय विद्यालयों की हालत में सुधार नहीं हो पा रहा है। आपरेशन कायाकल्प योजना पर भी सवाल खड़ा हो रहा। विद्यालय चहारदीवारी विहीन तो कुछ में आज तक शौचालय की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी है। डेहरीकलां गांव के पूर्व माध्यमिक विद्यालय को ही लें ले तो चहारदीवारी नहीं बन पाई है। विद्यालय के पास सामुदायिक शौचालय का निर्माण करा दिया गया है। इसके चलते अभिभावकों में रोष है। मध्यावकाश के दौरान बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षक सबसे ज्यादा चितित रहते हैं। दरअसल, ग्राम सभा की भूमि पर बने विद्यालय का मामला विवादित होने से चहारदीवारी का निर्माण अटका हुआ है, जबकि शासन ने निर्माण कार्य आरंभ कराने के लिए 1.72 लाख रुपये अवमुक्त कर दिया है। चहारदीवारी का निर्माण कार्य जब शुरू किया गया तो गांव के कतिपय लोगों ने भूमि ग्राम सभा की होने का हवाला देते हुए हो-हल्ला मचा कर कार्य रुकवा दिया। गांव के बच्चों को जूनियर तक की शिक्षा देने के लिए वर्ष 2001 में विद्यालय का निर्माण हुआ। विडंबना यह कि करीब 20 वर्ष बीतने के बाद भी विद्यालय के नाम ग्राम सभा की भूमि हस्तांतरित नहीं हो सकी है। उस समय तत्कालीन प्रधान व ग्राम सचिव के प्रस्ताव पर विद्यालय बन गया लेकिन अब अतिरिक्त कक्ष भी बनाना हो तो मुश्किलें आने लगती हैं। मौजूदा समय में कक्षाएं चल रही हैं और शिक्षक स्कूल पहुंच रहे हैं। परिसर में ग्रामीण उपली, पशुचारा रखकर कब्जा तो जमाए ही हैं, पशु पालक पशुओं को चरने के लिए विद्यालय के आसपास छोड़ देते हैं। इसके चलते परिसर में जहां-तहां गंदगी पसरी रहती है। इससे शिक्षकों को परेशानी उठानी पड़ती है। चहारदीवारी के अभाव में अवांछनीय तत्व विद्यालय के खिड़की, दरवाजे आदि को नष्ट कर देते हैं। चोर-उचक्के कई बार निशाना बना चुके हैं। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से विद्यालय की चहारदीवारी बनवाने की मांग की है।

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