स्वाइन फ्लू बीमारी से लड़ने को नहीं इंतजाम
स्वाइन फ्लू की घातक बीमारी से लड़ने को जनपद में इंतजाम नाकाफी हैं। जिला अस्पताल समेत पीएचसी व सीएचसी पर वैक्सीन का टोटा है। जांच की सुविधा व अलग से वार्ड भी स्थापित नहीं किए गए हैं। खतरनाक बीमारी को लेकर स्वास्थ्य महकमा बेपरवाह बना हुआ है। इससे संक्रमण फैलने के बाद काबू करना चुनौतीपूर्ण साबित होगा।
जागरण संवाददाता, चंदौली : स्वाइन फ्लू की घातक बीमारी से लड़ने को जनपद में कोई इंतजाम नहीं। जिला अस्पताल समेत पीएचसी व सीएचसी पर तो शून्यता है ही चिकित्सकों को आने वाली वैक्सीन भी नहीं। खतरनाक बीमारी को लेकर स्वास्थ्य महकमा बेपरवाह बना है। इससे संक्रमण फैलने के बाद काबू करना चुनौतीपूर्ण साबित होगा।
स्वाइन फ्लू की बीमारी अमूमन बरसात के दिनों में फैलती है। कभी-कभार सर्दियों में भी इसके मरीज मिल जाते हैं। तीन चरणों में फैलने वाली खतरनाक बीमारी का यदि समय से इलाज न किया जाए, तो मरीजों को जानलेवा भी साबित होती है। इसके बावजूद स्वास्थ्य महकमा बेपरवाह है। जिला अस्पताल समेत सीएचसी व पीएचसी में रोग से लड़ने को कोई इंतजाम नहीं हैं। जिला अस्पताल में प्राथमिक स्तर पर दी जाने वाली ओसल्टा मेवी दवा की उपलब्धता तो है, लेकिन पिछले दो माह से वैक्सीन का टोटा है। जांच की भी सुविधा नहीं है। कमोवेश यही स्थिति सीएचसी व पीएचसी में भी है। हालांकि अभी तक जिले में स्वाइन फ्लू का कोई मरीज नहीं पाया गया। वर्ष 2014 में एक संदिग्ध मरीज मिला था, जिसे जांच व इलाज को वाराणसी रेफर कर दिया गया था। ये हैं रोग के लक्षण
स्वाइन फ्लू के तीन चरण होते हैं। मरीज को पहले सर्दी, जुकाम के साथ बुखार की शिकायत होती है। साथ ही गले में खराश होने की वजह से कुछ खाने-पीने में भी तकलीफ होती है। यदि समय से इलाज न शुरू हो तो शरीर में कमजोरी बढ़ जाती है। ए व बी स्टेज तक इलाज के जरिए आसानी से मरीज को ठीक किया जा सकता है, लेकिन तीसरे स्टेज में पहुंचने पर बीमारी लाइलाज हो जाती है। इसके बाद मरीज को ठीक करना डाक्टरों को चुनौतीपूर्ण साबित होता है। बरतें सावधानी
चिकित्सकों की मानें तो सर्दी, जुकाम व बुखार की शिकायत होने पर तत्काल जांच कराना जरूरी है। जांच में बीमारी की पुष्टि होने के बाद भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें, ताकि अन्य लोगों में बीमारी का संक्रमण न फैलने पाए।
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'जनपद में अभी तक स्वाइन फ्लू का कोई भी मरीज नहीं पाया गया। जिला अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में दवाइयां उपलब्ध हैं। वैक्सीन की आपूर्ति भी शीघ्र सुनिश्चित की जाएगी।
-डा. पीके मिश्र, सीएमओ।