एनआइसी पोर्टल पर अपलोड करनी होगी स्टाक की सूचना
खाद्य तेल व तिलहन का भंडारण करने वाले थोक व्यापारियों को एनआइसी के पोर्टल पर स्टाक की सूचना हर सप्ताह अपलोड करनी होगी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : खाद्य तेल व तिलहन का भंडारण करने वाले थोक व्यापारियों को एनआइसी के पोर्टल पर स्टाक की सूचना हर सप्ताह अपलोड करनी होगी। इस पर शासन-प्रशासन की नजर रहेगी। जिला प्रशासन की ओर से अभियान चलाकर थोक व्यापारियों के भंडार की जांच की जाएगी। खाद्य तेल की बढ़ती कीमतों पर रोक लगाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है।
सरसों तेल की कीमत इस समय 150 रुपये प्रति लीटर से ऊपर पहुंच गई है। सरकार की तमाम कवायदों के बावजूद इस पर लगाम नहीं लग पा रही। इससे अधिकारियों की चिता बढ़ गई है। आशंका जताई जा रही कि थोक व्यापारी क्षमता से अधिक खाद्य तेल व तिलहन का भंडारण ले रहे। इससे बाजार में इसकी किल्लत हो रही और दाम में डेढ़ गुना इजाफा हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए शासन ने निगरानी की मुकम्मल योजना बनाई है। सभी पंजीकृत थोक व्यापारियों को खाद्य तेल व सरसों के स्टाक की सूचना एनआइसी से जुड़े उपभोक्ता विभाग के पोर्टल पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं। व्यापारियों को हर सप्ताह सूचना अपलोड करनी होगी। इससे उनके पास मौजूद स्टाक व खपत का अंदाजा लगाया जा सकेगा। इसके अलावा अधिकारियों की टीम भी थोक व्यापारियों के स्टाक की जांच करेगी। यदि क्षमता से अधिक भंडारण पाया गया तो उनका लाइसेंस रद करने के साथ ही मुकदमा दर्ज होगा। वहीं भारी-भरकम जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। जांच के दौरान यदि पोर्टल की सूचना और मौजूद स्टाक में अंतर मिला तो भी इसे चोरी ही माना जाएगा। इसको लेकर भी थोक व्यापारियों पर गाज गिर सकती है।
शासन ने तय कर दी स्टाक की सीमा
शासन स्तर से खाद्य तेल व तिलहन के भंडारण की सीमा निर्धारित कर दी है। थोक व्यापारी इससे अधिक स्टाक का भंडारण नहीं कर सकते हैं। ऐसे में यदि पोर्टल पर कम स्टाक दिखाया और गोदाम में अधिक माल मिला तो व्यापारियों का गला फंसना तय है। ' थोक व्यापारियों को खाद्य तेल व तिलहन के स्टाक की साप्ताहिक रिपोर्ट एनआइसी से जुड़े उपभोक्ता विभाग के पोर्टल पर अपलोड करनी होगी। उनके स्टाक की जांच कराई जाएगी। अनियमितता मिलने पर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
संजीव सिंह, जिलाधिकारी