जंक्शन से पहले भी पकड़ा जा चुका है सोना, गिरफ्तार हुए थे तस्कर
जागरण संवाददाता पीडीडीयू नगर (चंदौली) स्थानीय जंक्शन से सोना व जेवरात पकड़े जाने का पहला
जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : स्थानीय जंक्शन से सोना व जेवरात पकड़े जाने का पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी डीआरआइ (राजस्व खुफिया निदेशालय) की टीम सोना पकड़ चुकी है। तस्करों का सरगना पकड़े जाने के बाद कई जानकारी सामने आई थीं। म्यांमार के जरिए सोना देश में पहुंचता है। तस्कर विदेश से आने वाले सोना, आभूषण व ईंट की पहचान छिपाने के लिए गला देते हैं। कोलकाता में तस्करी का सेंटर है। यहीं से सोना ट्रेन व सड़क मार्ग से होते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंचता है। बुधवार को दो किलो सोने के जेवरात पकड़े जाने पर स्थानीय जांच एजेंसी जांच में जुटी है।
एनआइए (नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी) ने पिछले दिन केरल की एक अधिकारी को सोना तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि महिला के तार अरब देशों से जुड़े थे। डीआरआइ व एनआइए की जांच आगे बढ़ी तो रैकेट का खुलासा हुआ। पीडीडीयू नगर कोतवाली पुलिस ने तीन तस्करों को पकड़ा था। इसी सप्ताह जीआरपी ने भी जंक्शन पर तीन किलो सोना बरामद किया था। तस्कर भी गिरफ्तार किए गए थे। दरअसल, विदेशी सोना पर नंबर अंकित होता है। ऐसे में पहचान छिपाने के लिए तस्कर सोना को गलाकर अपने सांचे में ढाल लेते हैं। इसके बाद इसकी खेप लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में जाते हैं।