नवंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा औरंगाबाद से वाराणसी तक छह लेन हाईवे
बिहार के औरंगाबाद से वाराणसी तक 192 किलोमीटर छह लेन राष्ट्रीय राजमार्ग नवंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा।
जागरण संवाददाता, चंदौली : बिहार के औरंगाबाद से वाराणसी तक 192 किलोमीटर छह लेन राष्ट्रीय राजमार्ग नवंबर 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। कार्यदायी संस्था को निर्माण पूरा कराने के लिए 27 माह का समय दिया गया है। राजमार्ग को चौड़ाकर छह लेन बनाने के लिए तीसरी बार मियाद बढ़ी है। इसके लिए 2011 में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हुई। तब 2014 तक छह लेन राजमार्ग बनाने की अवधि निर्धारित की गई थी। हालांकि काम पूरा न होने पर इसे बढ़ाकर 2017 तक कर दिया गया। इसके बावजूद काम पूरा नहीं हो सका। ऐसे में अब नवंबर 2023 तक की अवधि निर्धारित की गई है। छह लेन सड़क बनने से हाईवे पर जाम की समस्या समाप्त हो जाएगी। वहीं 192 किलोमीटर का सफर चंद घंटों में तय हो जाएगा।
राष्ट्रीय राजमार्ग फिलहाल चार लेन का है। दोनों तरफ सर्विस रोड बनाया गया है, लेकिन कई स्थानों पर काम अधूरा है। हाल के दिनों में वाहनों की संख्या बढ़ी है। ऐसे में हाईवे पर जाम लगना आम बात हो गई है। इससे राहगीरों को परेशानी होती है। इसको देखते हुए सरकार ने राजमार्ग को छह लेन बनाने का निर्णय लिया। इसके लिए 2011 में ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। राजमार्ग के किनारे बसे गांवों में जमीन की मापी और सीमांकन कराया गया। पहली बार 2014 तक हाईवे को चौड़ाकर छह लेन बनाने की समय सीमा तय की गई थी, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। कार्यदायी संस्था समय से निर्माण कार्य पूरा कराने में नाकाम रही। ऐसे में दोबारा मियाद बढ़ाकर 2017 तक कर दिया गया। इस बार भी काम की रफ्तार में सुधार नहीं हुआ। इसकी वजह से हाईवे चौड़ीकरण के लिए तीसरी बार मियाद बढ़ानी पड़ी है। कार्यदायी संस्था को अधिकतम 27 माह में निर्माण पूरा कराने का समय दिया गया है।
कई जग रूट डायवर्जन
जिले में राजमार्ग निर्माण की रफ्तार काफी धीमी है। राजमार्ग पर कई स्थानों पर ओवरब्रिज बनाए गए हैं। इसके अलावा रूट डायवर्जन किया गया है। इससे आवागमन में काफी परेशानी होती है। इससे हादसे भी होते रहते हैं। सिघी ताली से लेकर सैयदराजा तक लगभग आधा दर्जन स्थानों पर हाईवे पर दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र घोषित किए गए हैं।
' बिहार के औरंगाबाद से वाराणसी तक छह लेन सड़क बनाने के लिए 27 माह का समय दिया गया है। कोशिश की जाएगी कि तय समय सीमा के अंदर निर्माण पूरा हो। इस बार पहले जैसी नौबत नहीं आएगी।
नागेश सिंह, तकनीकी प्रबंधक, राष्ट्रीय राजमार्ग