गंदगी से पटी हर ओडीएफ गांव की सड़कें
ओडीएफ हो चुके धानापुर ब्लाक के गांवों में अभी भी गंदगी का साम्राज्य कायम है। कोई ऐसी सड़क नहीं जिस पर लोग नाक दबाकर न चलते हों। स्थिति इतनी खराब कि बचकर न चला जाए तो चलने वाला भरभंड जो जाए। उधर अधिकारी हैं कि ब्लाक क्षेत्र को ओडीएफ करके कॉलर टाइट किए हैं। गांवों की कोई केंद्रीय टीम जांच कर ले तो जिले के गांव किस तरह ओडीएफ हो रहे हैं यह पोल ही खुल जाए।
जागरण संवाददाता, कमालपुर (चंदौली) : ओडीएफ हो चुके धानापुर ब्लाक के गांवों में अभी भी गंदगी का साम्राज्य कायम है। कोई ऐसी सड़क नहीं जिस पर लोग नाक दबाकर न चलते हों। स्थिति इतनी खराब कि बचकर न चला जाए तो चलने वाला भरभंड जो जाए। उधर अधिकारी हैं कि ब्लाक क्षेत्र को ओडीएफ करके कॉलर टाइट किए हैं। गांवों की कोई केंद्रीय टीम जांच कर ले तो जिले के गांव किस तरह ओडीएफ हो रहे हैं यह पोल ही खुल जाए।
महूजी, विरासराय, सिसौड़ा, हिनौता, एवती, आलमखातोपुर बहेरी, असवरिया, जमुर्खा, बसगांवा, माधोपुर, अहिकौरा, कोहना, कमालपुर, कवई, खरीहनिया, पहाड़पुर, जनौली, गौसपुर मड़ैया, मनिपट्टी, करजरा, पांडेयपुर आदि गांव तो बानगी हैं। यहां खुलेआम सड़कों पर ही शौच हो रहा है जबकि इन गांवों में शौचालय कागज पर तैयार हो गए हैं। इसके अलावा अधिकांश गांव ऐसे हैं जहां शौचालय अधूरे हैं या गड्ढे खोदकर छोड़ दिए गए हैं। ऐसे में जिला स्तर से ओडीएफ घोषित करने वाले अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो गए हैं कि उन्होंने यह क्या कर दिया। बिना शौचालय बनाए गांवों का ओडीएफ घोषित करना विभागीय लापरवाही दर्शा रहा है। वहीं ओडीएफ के नाम पर ग्राम प्रधानों के आंदोलन ने सरकारी कार्यप्रणाली पर बड़ी लकीर खींच दी है।