बेटों से मिलने जबलपुर रवाना हुए स्वजन, जालसाज का पता नहीं

फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर सेना के जबलपुर छावनी में फंसे जिले के युवाओं का उनके स्वजनों से संपर्क हो गया है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 07:23 PM (IST)
बेटों से मिलने जबलपुर रवाना हुए स्वजन, जालसाज का पता नहीं
बेटों से मिलने जबलपुर रवाना हुए स्वजन, जालसाज का पता नहीं

जागरण संवाददाता, चंदौली : फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर सेना के जबलपुर छावनी में फंसे जिले के युवाओं का उनके स्वजनों से संपर्क हो गया है। फिलहाल युवा पुलिस की कस्टडी में हैं। स्वजन उनसे मिलने और छुड़ाने के लिए रविवार को पीडीडीयू नगर से ट्रेन से जबलपुर के लिए रवाना हुए। अभिभावकों को बेटों पर मुकदमा दर्ज होने की जानकारी इंटरनेट मीडिया के जरिए मिली थी। उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था। पुलिसकर्मियों ने रविवार को परिवार के लोगों को फोन पर बात कराई। इससे माता-पिता ने राहत महसूस की।

प्रसहटा के अमित यादव के पिता हरिहर यादव, नौपुरा के गोविद के पिता जयप्रकाश व सोना हवली टरवा के पंकज कुमार के पिता विनोद यादव बेटों से संपर्क होने के बाद जबलपुर के निकल गए। बताया कि पुलिस ने फोन पर बेटों से बात कराई है। सभी जबलपुर के गोरखपुर थाना के लाकअप में बंद हैं। सोमवार को सभी का चालान कर दिया जाएगा। वहां पहुंचकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। किसी भी तरह बेटों की जमानत कराकर उन्हें वापस ले आएंगे। दरअसल, धानापुर के रायपुर निवासी रविकांत सिंह उर्फ मक्खू जालसाजी का रैकेट चलाता है। वह सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं को अपने जाल में फंसाता है। जिले के पांच व गाजीपुर दो युवाओं को फर्जी नियुक्ति पत्र पकड़ाकर जबलपुर छावनी भेज दिया था। सेना के अफसरों ने जांच की तो नियुक्ति पत्र जाली निकला। इस पर युवाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो गया। परिवार के लोगों को इंटरनेट मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी मिली।

टिकट के लिए पैसे ही नहीं, कैसे जाएं बेटे के पास

धानापुर के रायपुर निवासी महेंद्र यादव के पुत्र विकास पर भी मुकदमा दर्ज हुआ है। हालांकि मुफलिसी ने महेंद्र के पैरों में बेड़ियां डाल दी हैं। बेटे की नौकरी लगवाने के लिए जालसाज को तीन लाख रुपये पहले ही दे दिए। उनके पास अब इतने पैसे नहीं कि टिकट कराकर जबलपुर जा सकें। ऐसे में अब अपनी किस्मत को कोस रहे हैं। बेटे की रिहाई भगवान भरोसे है।

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