सिचाई संसाधनों का कायाकल्प, बढ़ेगा खेती का विकल्प
प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बजट पेश किया। इसमें आकांक्षात्मक जिले के लिए सीधे कोई सौगात नहीं मिली। लेकिन सिचाई संसाधनों को दुरूस्त करने और बाण सागर परियोजना के लिए बजट में प्रावधान होने से धान के कटोरे में अन्नदाताओं की दुश्वारियां कम हो जाएंगी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : प्रदेश सरकार ने मंगलवार को बजट पेश किया। इसमें आकांक्षात्मक जिले के लिए सीधे कोई सौगात नहीं मिली, लेकिन सिचाई संसाधन व बाण सागर परियोजना के लिए बजट में प्रावधान किया गया है। इससे धान के कटोरे में खस्ताहाल मुख्य नहरों और माइनरों के कायाकल्प की उम्मीद जग गई है। सिचाई संसाधन दुरुस्त होने से किसानों की दुश्वारियां कम हो जाएंगी। इससे किसान गदगद हैं। वहीं मीरजापुर में इंजीनियरिग कालेज और भदोही में पशु चिकित्सा कालेज की स्थापना से जिले के युवाओं को पड़ोस में ही तकनीकी शिक्षा मिलेगी। लघु व कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने के सरकार के फैसले से जरी-जरदोजी से जीविकोपार्जन करने वाले छोटे व्यवसायियों व कामगारों की दीन-दशा सुधरेगी।
प्रदेश सरकार के बजट को लेकर लोगों में सुबह से ही जिज्ञासा थी। लोग बजट में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने, शिक्षा, व्यापार और कृषि क्षेत्र में ठोस घोषणा किए जाने की उम्मीद लगाए हुए थे। प्रदेश सरकार के बजट में कृषि प्रधान जिले के लिए सीधे तौर पर कोई घोषणा नहीं की गई थी, लेकिन सिचाई संसाधनों, बाणसागर परियोजना के लिए प्रावधान किए जाने से किसानों की परेशानियों के अंत होने की उम्मीद जग गई है। जिले में नहरों का जाल बिछा हुआ है। लेफ्ट कर्मनाशा, राइट कर्मनाशा, नरायनपुर व भूपौली लिफ्ट कैनाल से निकली मुख्य गंगा नहर के साथ ही करीब 200 माइनर हैं, लेकिन मुख्य नहर और माइनर का तटबंध क्षतिग्रस्त है। वहीं बाध व नलकूप भी खस्ताहाल हैं। सरकार ने सिचाई संसाधनों को दुरुस्त करने लिए बजट में प्रावधान किया है। ऐसे में खस्ताहाल सिचाई संसाधनों का कायाकल्प होने की आस जग गई है। इससे टेल तक पानी पहुंचेगा और किसानों के खून-पसीने की कमाई बर्बाद नहीं होगी। बाणसागर परियोजना की शुरूआत से भी जिले के किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।