परिवार या रिश्तेदारों की फर्म से मैटेरियल लेकर काम कराया तो होगी रिकवरी

जागरण संवाददाता चंदौली प्रधानों ने ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के लिए परिवार अथवा रिश्तेद

By JagranEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 09:17 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 09:17 PM (IST)
परिवार या रिश्तेदारों की फर्म से मैटेरियल लेकर काम कराया तो होगी रिकवरी
परिवार या रिश्तेदारों की फर्म से मैटेरियल लेकर काम कराया तो होगी रिकवरी

जागरण संवाददाता, चंदौली : प्रधानों ने ग्राम पंचायतों में विकास कार्य के लिए परिवार अथवा रिश्तेदारों की फर्म से मैटेरियल लेकर काम कराया तो उनसे रिकवरी होगी। सरकार प्रधान व सरकारी कर्मचारियों की ऐसी फर्मो का ब्योरा जुटा रही है। शासन के निर्देश पर अधिकारियों की टीम इसकी पड़ताल कर रही है। विकास कार्यों में पारदर्शिता और धांधली रोकने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया है। इससे खलबली मची हुई है। जिले में ऐसे कई प्रधान व सरकारी कर्मचारी हैं, जिनके रिश्तेदारों की फर्म है। उन पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।

दरअसल, शासन स्तर से नगर व ग्राम पंचायतों में विकास कार्य कराने के लिए भरपूर धनराशि भेजी जाती है, लेकिन आधा पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है। प्रधानों व कर्मचारियों ने परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के नाम पर बिल्डिग मैटेरियल की सप्लाई करने वाली फर्म बना ली है। यहीं से घटिया सामग्री मंगाकर निर्माण कार्य कराते हैं। इससे बनने के कुछ दिन बाद ही सड़क, भवन आदि खराब होने लगते हैं। सरकारी धनराशि का अधिकांश हिस्सा भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों व कर्मचारियों की जेब में चला जाता है। सरकारी धनराशि का दुरूपयोग रोकने और विकास कार्यों में गुणवत्ता की मंशा से शासन कर्मियों व प्रधानों पर शिकंजा कसने की तैयारी में है।

प्रधान पहले कर चुके हैं धांधली

ग्राम प्रधान इन फर्मो के नाम पर भुगतान दिखाकर बिना काम कराए ग्राम पंचायत के खाते से पैसा निकाल लेते हैं। इसमें सचिवों की भी संलिप्तता होती है। नौगढ़ ब्लाक में एक साल पहले ऐसा मामला आया था। प्रधान ने सोनभद्र की एक फर्म के खाते में एक लाख से अधिक पैसे ट्रांसफर कर दिए, जबकि गांव में कोई विकास कार्य नहीं कराया गया। मामला संज्ञान में आने पर डीपीआरओ के निर्देश पर प्रधान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। इस तरह के मामले और भी हैं।

' शासन की मंशा के अनुरूप प्रधानों व कर्मचारियों की पड़ताल कराई जा रही है। यदि उनके परिवार के किसी सदस्य अथवा रिश्तेदार के नाम पर फर्म मिली तो कार्रवाई तय है।

अजितेंद्र नारायण, मुख्य विकास अधिकारी

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