नंबर प्लेट पर कालिख पोतकर हो रही ओवरलोडिग

जागरण संवाददाता सैयदराजा (चंदौली) जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल और जिलाधिका

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 10:33 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 10:33 PM (IST)
नंबर प्लेट पर कालिख पोतकर हो रही ओवरलोडिग
नंबर प्लेट पर कालिख पोतकर हो रही ओवरलोडिग

जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : जिले के प्रभारी मंत्री रमाशंकर सिंह पटेल और जिलाधिकारी नवनीत सिंह चहल के ओवरलोडिग रोकने के फरमान के बावजूद बिहार से क्षमता से अधिक बालू व मोरंग लादकर ट्रक जिले की सीमा में प्रवेश कर रहे हैं। जनपद में बड़े पैमाने पर ओवरलोडिग का खेल जारी है। कार्रवाई से बचने के लिए वाहन चालक नंबर प्लेट पर कालिख व मिट्टी लगाकर चल रहे हैं। इसके जरिए रजिस्ट्रेशन नंबर छिपा लिया जाता है। अफसर भी वाहन चालकों की करतूत को नजरअंदाज किए हुए हैं। इससे प्रशासन को हर माह लाखों रुपये राजस्व का चूना लग रहा है।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर नौबतपुर से टेंगरा मोड़ तक, सैयदराजा-जमानियां मार्ग और चंदौली-धानापुर मार्ग पर कई स्थानों पर गिट्टी व बालू की अवैध मंडी सजती है। राष्ट्रीय राजमार्ग पर ट्रक सुबह तीन से पांच बजे के बीच बालू लदे ओवरलोड ट्रक व डंपर खड़े हो जाते हैं। सप्लायर इन वाहनों को बिक्री के लिए जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में भेजते हैं। एआरटीओ और पुलिस के आनलाइन चालान से बचने के लिए चालकों ने नया तरीका निकाला है। कई चालक तो ट्रक व डंपर की नंबर प्लेट पर मिट्टी व कालिख लगा देते हैं। इससे रजिस्ट्रेशन नंबर छिप जाता है। तमाम वाहन ऐसे भी नजर आते हैं जिनमें नंबर प्लेट होती ही नहीं है। हालांकि वाहन में रजिस्ट्रेशन नंबर स्पष्ट न होना, नंबर खराब होना या नंबर प्लेट न होना भी यातायात नियमों का उल्लंघन है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी नजरें फेर लेते हैं। पीडब्ल्यूडी से निर्मित सड़कों की भार क्षमता 10 से 15 टन तक ही होती है। गांवों के संपर्क मार्ग की क्षमता मात्र पांच से सात टन होती है। लेकिन ग्रामीण सड़कों से लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग पर रात-दिन दर्जनों की संख्या में ट्रक क्षमता से अधिक भार लादकर दौड़ रहे हैं।

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वर्जन :

' विभाग ओवरलोडिग रोकने के लिए सतर्क है। पिछले दिनों सात ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई की गई। इसमें तीन सीज कर दिए गए। नवंबर माह से कार्रवाई तेज हो जाएगी। अक्टूबर में राजस्व वसूली का लक्ष्य तकरीबन पूरा कर लिया गया है।

विजयप्रकाश सिंह, एआरटीओ

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