व्यक्ति को सदैव निर्णयात्मक बुद्धि वाला बनना चाहिए

बरहनी (चंदौली) व्यक्ति की बुद्धि भी दो प्रकार से कार्य करती हैं। पहला व्यवसात्मक व दूसरा निर्णयात्मक।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 04:09 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 04:09 PM (IST)
व्यक्ति को सदैव निर्णयात्मक बुद्धि वाला बनना चाहिए
व्यक्ति को सदैव निर्णयात्मक बुद्धि वाला बनना चाहिए

जागरण संवाददाता, बरहनी (चंदौली) : व्यक्ति की बुद्धि भी दो प्रकार से कार्य करती हैं। पहला व्यवसात्मक व दूसरा निर्णयात्मक। व्यवसात्मक बुद्धी वाले लोग हमेशा दुखी रहते हैं। व्यक्ति को निर्णयात्मक बुद्धी वाला होना चाहिए। इसमें हमेशा कार्य पर बल दिया जाता हैं। हमें निर्णय कठोर व कठिन लेना पड़ता है। तब जाकर हम किसी कार्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उक्त बातें चिरईगांव में चल रहे चातुर्मास यज्ञ के दौरान शुक्रवार को सुंदरराज महाराज ने कहीं।

कहा कि निर्णयात्मक बुद्धि वाले लोग समय की प्रतीक्षा करते हैं। वे कर्म पर विश्वास रखते है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा कि जो स्थिर बुद्धि के होते हैं। वे एक कार्य को समाप्त कर लेने के बाद ही दूसरे कार्य की शुरूआत करते हैं। व्यक्ति को सदैव निर्णयात्मक बुद्धि वाला बनना चाहिए, न कि व्यवसात्मक बुद्धि वाला।

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