अब डिजिटल हस्ताक्षर से धान बिक्री का होगा भुगतान

धान के कटोरेके अन्नदाताओं के लिए अच्छी खबर है। अब धान बेचने के बाद उन्हें उसके भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना होगा। डिजिटल हस्ताक्षर से 72 घंटे के भीतर धनराशि का भुगतान विक्रेता अन्नदाता के बैंक खाते में हो जाएगा। जिले में एक नवंबर से धान खरीद शुरू हो चुकी है। इसके लिए एजेंसियों ने क्रय केंद्र भी खोल रखे हैं। हालांकि अभी केंद्रों पर खरीद रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि दिसंबर माह के पहले सप्ताह से उपज की खेप पहुंचनी शुरू होगी।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 06:37 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:37 PM (IST)
अब डिजिटल हस्ताक्षर से धान बिक्री का होगा भुगतान
अब डिजिटल हस्ताक्षर से धान बिक्री का होगा भुगतान

जासं, चकिया (चंदौली): धान के कटोरे के अन्नदाताओं के लिए अच्छी खबर है। अब धान बेचने के बाद उन्हें उसके भुगतान के लिए इंतजार नहीं करना होगा। डिजिटल हस्ताक्षर से 72 घंटे के भीतर धनराशि का भुगतान विक्रेता अन्नदाता के बैंक खाते में हो जाएगा। जिले में एक नवंबर से धान खरीद शुरू हो चुकी है। इसके लिए एजेंसियों ने क्रय केंद्र भी खोल रखे हैं। हालांकि अभी केंद्रों पर खरीद रफ्तार नहीं पकड़ सकी है। विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि दिसंबर माह के पहले सप्ताह से उपज की खेप पहुंचनी शुरू होगी। दरअसल, बीते वर्षों में गेहूं व धान बेचने के बाद भुगतान की प्रक्रिया में देरी को लेकर किसान संगठनों ने हो-हल्ला मचाया था। उस दौरान उपज बेचने के बाद विपणन निरीक्षक की ओर से बैंकों को भुगतान के लिए आरटीजीएस का प्रपत्र दे दिया जाता था, जिसके बाद बैंक की सुस्ती के कारण भुगतान में कई दिन लग जाता था। अब डिजिटल इंडिया के तहत इस समस्या का समाधान कर दिया गया है। विपणन निरीक्षकों का डिजिटल हस्ताक्षर जारी किया गया है। इसके द्वारा अन्नदाताओं को धान बिक्री का भुगतान किया जाएगा। विभाग के मुताबिक, शासन ने आदेश जारी है कि धान की खरीद के बाद 72 घंटे में भुगतान अन्नदाता के बैंक खाते में पहुंच जाए। इसके लिए सरकारी क्रय केंद्रों पर अन्नदाताओं की सुविधा के लिए सभी व्यवस्थाएं की गई हैं। पीने के पानी से लेकर बैठने के लिए उचित व्यवस्था है। अन्नदाताओं को बस इतना करना है कि मानक के अनुरूप ही धान लेकर क्रय केंद्र पर पहुंचे। यदि क्रय केंद्र पर भी कुछ दिन रुक कर धान सुखा लेते हैं तो उनका धान खरीद लिया जाएगा। अन्नदाताओं को धान बेचने के समय ऑनलाइन दस्तावेज के साथ खतौनी, बैंक पासबुक, आधार कार्ड की मूल प्रति लाना होगा। सभी प्रपत्र का कार्यालय में मिलान करने के बाद विपणन निरीक्षक के डिजिटल हस्ताक्षर से अन्नदाता के खाते में धनराशि चली जाएगी।

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वर्जन

धान बिक्री के बाद धन के लिए अन्नदाताओं को परेशान न होना पड़े, इसके ²ष्टिगत इस व्यवस्था की शुरुआत हुई है। डिजिटल हस्ताक्षर के बाद मंडल मुख्यालय से सीधे किसान के खाते में धान का भुगतान हो जाएगा।

अनूप श्रीवास्तव, जिला खाद्य व विपणन अधिकारी

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