गड्ढा खोदाई पर कागजों में लाखों खर्च, धरातल पर नहीं दिख रहे पौधे

मनरेगा के तहत संचालित कृषक वृक्षधन योजना जिले में हवा-हवाई साबित हुई। गांवों में पौधारोपण के लिए गड्ढा खोदाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए लेकिन कहीं पौधे नहीं दिख रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Oct 2021 04:55 PM (IST) Updated:Thu, 21 Oct 2021 04:55 PM (IST)
गड्ढा खोदाई पर कागजों में लाखों खर्च, धरातल पर नहीं दिख रहे पौधे
गड्ढा खोदाई पर कागजों में लाखों खर्च, धरातल पर नहीं दिख रहे पौधे

जागरण संवाददाता, चंदौली : मनरेगा के तहत संचालित कृषक वृक्षधन योजना जिले में हवा-हवाई साबित हुई। गांवों में पौधारोपण के लिए गड्ढा खोदाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन कहीं पौधे नहीं दिख रहे हैं। ग्रामीणों के अनुसार कुछ गिने-चुने गांवों में ही पौधारोपण कराया गया। वह भी सिचाई व संरक्षण के अभाव में सूख गए।

कृषक वृक्षधन योजना के तहत जिले में हजारों पौधे लगवाए गए थे। किसानों को मुफ्त पौधे दिए गए थे। वहीं पौधारोपण के लिए मनरेगा के जरिए गड्ढों की खोदाई कराई गई थी, लेकिन मनरेगा की सोशल आडिट में पौधे कहीं दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिन किसानों के यहां पौधे लगवाने का रिकार्ड विभाग के पास है, वहां एक भी पौधा नहीं दिखाई दे रहा। ग्रामीणों के अनुसार विशेष अभियान के दौरान पौधे तो लगवाए गए, लेकिन सिचाई व संरक्षण के अभाव में अधिकांश पौधे सूख गए। जिला प्रशासन ने गड्ढा खोदाई पर लाखों खर्च कर दिए, लेकिन पौधों के संरक्षण और देखभाल की कोई व्यवस्था नहीं की गई। किसानों ने भी पौधों के संरक्षण में दिलचस्पी नहीं दिखाई। योजना के तहत खेतों की मेड़ों पर पौधे लगाए गए थे। देखरेख के अभाव में पौधे पशुओं का निवाला बन गए। इससे योजना परवान नहीं चढ़ सकी।

किसानों को दिए गए थे छायादार व फलदार पौधे

योजना के तहत किसानों को छायादार व फलदार पौधे दिए गए थे। उन्हें आम, अमरूद, नीम, महुआ, शीशम, सागौन आदि पौधे उपलब्ध कराए गए थे। मनरेगा के जरिए गड्ढों की खोदाई कराकर पौधों को रोपित किया जाना था। कई गांवों में पौधारोपण कराया भी गया, लेकिन पौधों की देखभाल में लापरवाही बरती गई। इससे पौधे सूख गए। ' योजना के तहत मनरेगा से गड्ढों की खोदाई कराई गई थी। किसानों को पौधे लगाने के लिए दिए गए थे। पौधों के देखभाल व संरक्षण की जिम्मेदारी भी उन्हें ही सौंपी गई थी।

धर्मजीत सिंह, उपायुक्त मनरेगा

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