ओवरलोडिग नहीं रुकी तो टूट जाएंगे कई एनएच पुल

ओवरलोडिग नहीं रुकी तो टूट जाएंगे कई एनएच पुल

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 May 2020 08:30 AM (IST) Updated:Fri, 22 May 2020 08:30 AM (IST)
ओवरलोडिग नहीं रुकी तो टूट जाएंगे कई एनएच पुल
ओवरलोडिग नहीं रुकी तो टूट जाएंगे कई एनएच पुल

जितेंद्र उपाध्याय, चंदौली

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ओवरलोड वाहनों का संचालन नहीं रुका तो हाईवे के कई पुल क्षतिग्रस्त हो जाएंगे। राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने इसको लेकर आगाह किया है। बिहार व वाराणसी प्रशासन से बात कर ओवरलोड वाहनों का आवागमन रोकने की सलाह दी है। नौबतपुर में कर्मनाशा नदी का एनएच पुल टूटने के बाद वाहनों के आवागमन को बने रूट डायवर्जन की नींव दरकने से एनएच के अफसर हरकत में आ गए हैं। मानक के अनुसार डायवर्जन मार्ग पर वाहन 20-25 टन भार लादकर ही सफर कर सकते हैं, लेकिन 70 से 80 टन लादकर ओवरलोड ट्रकों का भार पुल की सेहत के लिए भारी पड़ रहा है।

एनएच प्रशासन ने ओवरलोड वाहनों को रोकने के लिए बिहार सरकार के साथ ही गुरुवार को वाराणसी प्रशासन से वार्ता की। एनएचएआइ के टेक्निकल मैनेजर नागेश सिंह ने वाराणसी में गंगा नदी पर बने विश्वसुंदरी पुल, गाजीपुर के जमानियां पुल की ऊपरी सतह दरकने का कारण भी ओवरलोड बताया। हाईवे प्रशासन का कहना है एनएच पुलों की क्षमता 50 से 55 टन तक है, लेकिन 120 से 140 टन भार लादकर ट्रक और ट्रेलर पुलों से गुजर रहे हैं। सबसे बड़ी समस्या बालू लदे ओवरलोड ट्रकों से है। बिहार की सोन नदी की शेरघाटी व डेहरी-ऑन-सोन से बालू लादकर ट्रक यूपी की सीमा में प्रवेश करते हैं, जबकि नियमत: बिहार की बालू अन्य प्रांतों में नहीं बेची जा सकती है। इसके बावजूद यूपी की सीमा में ट्रकों का प्रवेश करना हैरानी की बात है। इसके लिए सीमावर्ती प्रशासन की जिम्मेदारी तय की जाए।

लॉकडाउन में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार ने मालवाहक, ट्रकों को आवागमन की छूट दी है, लेकिन बालू, गिट्टी, लोहा लदे ट्रक ऐसे गुजर रहे मानों पुल की क्षमता डेढ़ सौ टन भार सहने की हो। इस दौरान बालू की तस्करी भी बड़े पैमाने पर शुरू हो गई। नतीजा यह हुआ कि कर्मनाशा नदी पर बने डायवर्जन पुल की नींव भी दरकने लगी है। बालू भरी बोरियों, पुलिया से बने डायवर्जन की मिट्टी दबने और ढहने लगी है। यही नहीं ओवरलोड वाहनों के चलते गंगा नदी पर बने वाराणसी के विश्वसुंदरी पुल और गाजीपुर के जमानियां पुल के क्षतिग्रस्त होने का खतरा भी बढ़ गया है। फिर भी प्रशासन ओवरलोड वाहनों का परिवहन रोकने को गंभीर नहीं दिख रहा है। देश में एनएच पर जितने भी पुल बने हैं, उनकी क्षमता 50-55 टन भार सहने की है। ओवरलोडिंग रोकने के लिए बिहार सरकार और वाराणसी डीएम से गुरुवार को बात हुई है। कानूनन बिहार की बालू बिहार राज्य तक ही सीमित रहनी चाहिए। उसका यूपी में प्रवेश अवैध है। वाराणसी डीएम को पुलों की स्थिति बताई गई। साथ ही सोनभद्र, मीरजापुर से आने वाले ओवरलोड ट्रकों को रोकने की सलाह दी गई। ओवरलोड नहीं रुका तो कई पुल क्षतिग्रस्त होंगे और कई राज्यों का संपर्क टूटेगा।

-नागेश सिंह, टेक्निकल मैनेजर, एनएचएआइ।

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