सप्त ऋषियों के प्रभाव से महर्षि बने वाल्मीकि

जागरण संवाददाता नौगढ़ (चंदौली) महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर बुधवार को सेवा संस्थान दे

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 06:05 PM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 06:05 PM (IST)
सप्त ऋषियों के प्रभाव से महर्षि बने वाल्मीकि
सप्त ऋषियों के प्रभाव से महर्षि बने वाल्मीकि

जागरण संवाददाता, नौगढ़ (चंदौली) : महर्षि वाल्मीकि जयंती के अवसर पर बुधवार को सेवा संस्थान देवखत में विश्व हिदू परिषद की ओर से सामाजिक समरसता समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ग्राम प्रधान नीलम ओहरी ने महर्षि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कहा कि महर्षि के बचपन का नाम रत्नाकर था। लूटपाट करना उनका मुख्य पेशा था, लेकिन सप्त ऋषियों ने उनके जीवन पर ऐसा प्रभाव डाला की वे महान ऋषि बन गए। वे प्रभु श्रीराम की धुन में रहने लगे और रामायण के रचयिता भी बने।

ग्राम प्रधान ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले वर्ष फरवरी माह में संस्थान के बच्चों के साथ सहभोज किया था। बालक, बालिकाओं के लिए छात्रावास का लोकार्पण किया था। वर्तमान में छात्रावास के निर्माण का कार्य चल रहा है। जल्द ही बनकर तैयार हो जाएगा। इससे क्षेत्र के बालक और बालिकाओं को आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर मिलेगा। थानाध्यक्ष राजेश सरोज, संस्थान के मंत्री अवध बिहारी, देवेंद्र साहनी, रामकृष्ण अवस्थी, राजाराम, विमल यादव आदि उपस्थित थे।

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