डिजिटल इंडिया से जुड़ा लोनिवि, भुगतान प्रक्रिया हुई आनलाइन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने एक कदम बढ़ा दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 11:38 PM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 11:38 PM (IST)
डिजिटल इंडिया से जुड़ा लोनिवि, भुगतान प्रक्रिया हुई आनलाइन
डिजिटल इंडिया से जुड़ा लोनिवि, भुगतान प्रक्रिया हुई आनलाइन

अमित द्विवेदी

पीडीडीयू नगर, (चंदौली) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में प्रदेश सरकार ने कदम बढ़ा दिया है। अब लोक निर्माण विभाग में भुगतान संबंधी समस्त प्रकिया आनलाइन कर दी गई है। एक करोड़ रुपये से अधिक की निविदाओं का लेन-देन नई व्यवस्था के तहत शुरू भी कर दिया गया है। जबकि दिसंबर माह से छोटे कार्य भी आनलाइन प्रणाली से जुड़ जाएंगे। इससे जांच एजेंसियों को भी काफी सहूलियत मिलेगी। ठेकेदारों के लिए अच्छी बात यह कि बगैर भाग दौड़ के भुगतान जल्दी होगा जबकि काम खराब होने पर एक ही क्लिक से पूरे पेमेंट पर रोक लग जाएगी। प्रदेश मुख्यालय पर बैठे अधिकारी प्रतिदिन कार्यों की मानीटिरंग भी कर सकेंगे।

लोनिवि में ई-बिल व्यवस्था शुरू होने के बाद मेजरजेंट बुक मैनुअल के साथ आनलाइन भी भरी जाएगी। प्रतिदिन का डेटा अपलोड किया जाएगा ताकि सहजता से मानीट¨रग की जा सके। प्रदेश मुख्यालय पर तैनात विभागीय कार्यों पर पैनी नजर रख सकेंगे। साफ-सुथरा काम करने वालों के लिए नई व्यवस्था काफी मददगार साबित होगी जबकि हीलाहवाली करने पर दुश्वारियां बढ़ेंगी। लोक निर्माण विभाग में मेजरजेंट बुक काफी अहम मानी जाती है। इसमें गड़बड़ी की तमाम शिकायतें जब तब सामने आती रहती हैं। लेकिन प्रदेश सरकार की ओर से जारी निर्देशों के बाद मेजरमेंट बुक का पूरा विवरण आनलाइन दर्ज किया जाएगा। जांच एजेंसियों को जांच से जुड़ी समस्त सामग्री आनलाइन ही प्राप्त हो जाएगी। काम की गुणवत्ता खराब पाए जाने पर कटौती और अनियमितता पर तत्काल रोक लगा दी जाएगी। शासन ने ट्रायल के तौर पर लोक निर्माण विभाग में यह व्यवस्था शुरू की है लेकिन शीघ्र ही ग्रामीण अभियंत्रण सहित अन्य कार्यदायी विभाग भी आनलाइन प्रणाली से जोड़ दिए जाएंगे। 'एक करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान आनलाइन व्यवस्था के तहत किया जा रहा है। दिसंबर माह से सभी भुगतान ई-बिल से जरिए होंगे। शासन का यह कदम काफी महत्वपूर्ण है। इससे कार्यों में पारदर्शिता आएगी।

संजय गोरे, एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी

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