सुरक्षा के अभाव लगे पौधे हो रहे बेजार

जासं, चकिया (चंदौली): वन विभाग ने पौधरोपण की तैयारी आरंभ कर दी है। लेकिन पूर्व में रोपित

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Jul 2018 07:12 PM (IST) Updated:Tue, 03 Jul 2018 07:12 PM (IST)
सुरक्षा के अभाव लगे पौधे हो रहे बेजार
सुरक्षा के अभाव लगे पौधे हो रहे बेजार

जासं, चकिया (चंदौली): वन विभाग ने पौधरोपण की तैयारी आरंभ कर दी है। लेकिन पूर्व में रोपित पौधों के प्रति विभाग बेखबर है। गांधी नगर स्थित सपही बीट में रोपित पौधे सुरक्षा के अभाव में बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। पौधों को अतिक्रमणकारी उखाड़ कर जमीन पर कब्जा जमाने में लगे हुए हैं। वहीं पौधे छुट्टा पशुओं के शिकार हो रहे हैं। काशी वन्य जीव प्रभाग में चालू सीजन में 2840 हेक्टेयर में 30 लाख 95 हजार 400 पौधे रोपित किए जाने का लक्ष्य है। पिछले वर्ष 2017-18 के सापेक्ष में अबकी वर्ष दोगुना लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पौधरोपण का कार्य मुख्यमंत्री कृषक वृक्ष धन व फलोद्यान योजना के तहत किया जाएगा। 2017-18 के पौधरोपण के आंकड़ों पर गौर करें तो 1352 हेक्टेयर में 14 लाख 74 हजार पौधे रोपित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित था। इसके सापेक्ष में 17 लाख पौधे रोपित हुए थे। लेकिन रोपित पौधों की सुरक्षा के प्रति विभाग लापरवाह बना रहा। हजारों पौधों को उखाड़ कर कब्जा जमा लिया गया। लतीफशाह में 10 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाकर समाजिक वानिकी के तहत छायादार, फलदार व कीमती पौधे रोपित किए गए। जहां पशु पौधों को नष्ट करने में लगे हुए हैं। नर्सरी में महज 17 लाख पौधे

वन विभाग ने पौधरोपण का लक्ष्य निर्धारित कर दिया है पर नर्सरियों में पौधों की कमी बनी हुई है। विभाग के सपही, लतीफशाह, जमसोती, भैसोड़ा, सैयदराजा, सरेसर आदि नर्सरियों में लगभग 17 लाख पौधे मौजूद है। ऐसी स्थिति में लगभग 31 लाख पौधों को रोपित करने का लक्ष्य कैसे पूरा होगा। हालांकि विभाग का दावा है कि निजी नर्सरियों व सहभागिता से पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इनसेट--

जन सहभागिता के बगैर पौधरोपण व पौधों की सुरक्षा नहीं हो सकती। विभाग का प्रयास है कि वन भूमि पर अतिक्रमण हटाकर अधिकाधिक संख्या में पौधरोपित किया जा सके। पौधरोपण के लिए गड्ढों की खोदाई की जा चुकी है।

तारा शंकर ¨सह, वन क्षेत्राधिकारी

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