ब्रांड बनी खादी, हर तबके में बढ़ी खपत

जागरण संवाददाता चंदौली कभी सन्नाटे में गुम रहने वाले खादी भंडारों की रौनक लौट आई है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 04:04 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 11:32 PM (IST)
ब्रांड बनी खादी, हर तबके में बढ़ी खपत
ब्रांड बनी खादी, हर तबके में बढ़ी खपत

जागरण संवाददाता, चंदौली : कभी सन्नाटे में गुम रहने वाले खादी भंडारों की रौनक लौट आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पसंदीदा होने से खादी ब्रांड के रूप में उभरी है। हर तबके के लोगों में इसकी डिमांड बढ़ी है। खादी भंडार संचालकों के अनुसार प्रधानमंत्री ने जब से खादी अपनाई है, तब से इसके प्रति आकर्षण बढ़ गया है। बंद होने के कगार पर पहुंचे खादी भंडारों के दिन दोबारा बहुर गए हैं। दुकानदार भी लोगों की मांग पर रंग-बिरंगे, सस्ते, महंगे कपड़े ला रहे हैं। ताकि खरीदारों को मायूस न होना पड़े।

जिले में खादी से सात स्टोर हैं। मुख्यालय पर दो, पीडीडीयू नगर, इलिया, चकिया व सिसौड़ा कला में एक-एक खादी भंडार हैं। खादी देश की पहचान रही है। चरखा चलाकर तैयार किए गए धागों में देश के आजादी के संघर्ष की कहानी छिपी है। खादी को स्वदेशी आंदोलन की देन माना जाता है। इससे देशवासियों का विशेष लगाव खादी के प्रति रहा लेकिन बाद में आधुनिकता और फैशन बढ़ा तो लोग खादी को भूल गए। ऐसे में पीएम ने खादी को अपनाया और इसे बढ़ावा देने का आह्वान किया। इससे दोबारा लोगों का आकर्षण इस कपड़े के प्रति बढ़ गया। खादी ग्रामोद्योग संस्थान के मंत्री चंद्रिका पांडेय बताते हैं कि इन दिनों खादी की मांग बढ़ी है। यह एक अच्छा संदेश है। इससे ग्रामोद्योग को बढ़ावा मिलेगा। वहीं देश का पैसा देश में रहने से आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी। उद्योग के लिहाज में भी खादी का धंधा बेहतर है। सरकार खादी को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है। कम पूंजी में खादी भंडार संचालित किया जा सकता है। प्रदेश सरकार इसके लिए कम ब्याज पर ऋण भी मुहैया कराती है।

------------------------चुनाव में डिमांड और बढ़ने की उम्मीद

चंद्रिका बताते हैं कि त्योहार व चुनाव में खादी की डिमांड और बढ़ने की उम्मीद है। पंचायत चुनाव में खादी के गमछा और कपड़े की बिक्री बढ़ेगी। होली पर्व पर भी लोग खादी खरीदेंगे। इससे खादी भंडारों की आय में इजाफा होगा।

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सरकार इस व्यवसाय में लगे लोगों की ऋण के माध्यम से मदद कर रही है। खादी की मांग बढ़ी है इसलिए लोग इसमें रोजगार तलाश रहे हैं।

किरन श्रीवास्तव, जिला खादी एवं ग्रामोद्योग अधिकारी

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