जाम के झाम में जकड़ा नगर, कराह उठा जनमानस
नगर सोमवार की दोपहर में जाम के झाम में जगड़ गया। इससे राहगीर व स्थानीय नागरिक कराह उठे। बड़े वाहनों के आमने-सामने आने से शमशेर ब्रिज से चौक झंडा डा.वीपी सिंह चौराहा व गांधी पार्क तक करीब तीन घंटे तक लगे जाम से नगर रेंगता रहा। वाहनों के पहिए थम गए। स्कूली बच्चों को घर व मरीजों को अस्पताल ले जाने में फजीहत उठानी पड़ी।
जासं, चकिया (चंदौली) : नगर सोमवार की दोपहर में जाम के झाम में जकड़ गया। इससे राहगीर व स्थानीय नागरिक कराह उठे। बड़े वाहनों के आमने-सामने आने से शमशेर ब्रिज से चौक झंडा, डा.वीपी सिंह चौराहा व गांधी पार्क तक करीब तीन घंटे तक लगे जाम से वाहनों के पहिए थम गए। स्कूली बच्चों को घर व मरीजों को अस्पताल ले जाने में फजीहत उठानी पड़ी।
नगर में बड़े वाहनों को खुली छूट व फुटपाथ पर अतिक्रमण के चलते जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। शमशेर ब्रिज पर वाहनों के पहिए थमने से पैदल राह चलना दुश्वार हो गया। एंबुलेंस 102 के दो व कई स्कूली वाहन भी जाम फंस गए। जाम की स्थिति देख कई लोगों ने अपनी बाइक, साइकिल व कार से किनारा काट लिया। दूर से ही जाम देख वाहन को मोड़ तहसील, पुराना पेट्रोल पंप व कचहरी रोड के किनारे खड़ी कर पैदल ही बाजार में जाकर सामान की खरीदारी करना मुनासिब समझा। कई बाइक सवार, ई-रिक्शा वीपी सिंह मार्ग गली से कचहरी मार्ग पर पहुंचे। सबसे ज्यादा परेशानी अस्पताल जाने वाले मरीजों को हुई। घंटों जाम के बावजूद चंद कदम दूरी पर स्थित कोतवाली पुलिस बेफिक्र रही। नगर में जाम की स्थिति खासकर दोपहर में उत्पन्न हो जा रही है। बड़े वाहनों का लगातार प्रवेश होने से जाम लगना आम बात हो गई है।
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..स्कूल की छुट्टी के वक्त ही लगता पड़ाव पर जाम
पड़ाव प्रतिनिधि के अनुसार आखिर सोमवार को चौराहे पर एक बार फिर लगे जाम के कारण लोग कराह उठे। दोपहर में जाम लगना शुरू हुआ और देखते ही देखते चौराहा जाम के झाम में फंस गया। पैदल चलने के लिए भी जगह नहीं बची। पिकेट पर तैनात पुलिस जाम छुड़ाने में नाकाम हुए, तो चौकी प्रभारी धनराज सिंह और पुलिसकर्मी संग मौके पर पहुंचे। लगभग ढाई घंटे बाद जाम समाप्त कराया। पड़ाव पर जाम अब नासूर बन गया है। शायद ही कोई ऐसा दिन हो जिस दिन जाम न लगता हो। अक्सर जाम की समस्या उस समय ज्यादा होती हैं,जब स्कूलों की छुट्टी होती है। एक साथ कई बसों के आने से भीषण जाम लग जाता है। लोगों का कहना रहा कि पड़ाव-रामनगर मार्ग पर वर्षों पूर्व रेलवे की ओर से बनाई गई सकरी पुलिया भी जाम का कारण बनती है। वहीं वाराणसी और चंदौली का बार्डर होने के साथ ही मिर्जापुर, सोनभद्र के अलावा यहां से गैर प्रदेश तक के लिए गाड़ियों का आवागमन होता हैं लेकिन यहां न तो ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है और ना ही ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था की गई हैं। इससे वाहन जैसे मर्जी वैसे ही चलते रहते हैं।