निर्माण कार्य में अनियमितता, कार्यदाई संस्था का रुकेगा भुगतान

जागरण संवाददाता चंदौली बेन-धरौली डबल लेन मार्ग के निर्माण में कार्यदाई संस्था की ओर से धांधली का मामला प्रकाश में आया है। 15 किलोमीटर मार्ग का निर्माण मशीन की जगह मजदूरों व बैलट से कराया जा रहा था। इस पर एक्सईएन पीडब्ल्यूडी मिथिलेश कुमार ने कार्यदाई संस्था का भुगतान रोकने के लिए मुख्य अभियंता को पत्र भेज दिया है। इसके बाद भुगतान रुकना तय माना जा रहा।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Nov 2019 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 20 Nov 2019 06:25 PM (IST)
निर्माण कार्य में अनियमितता, कार्यदाई संस्था का रुकेगा भुगतान
निर्माण कार्य में अनियमितता, कार्यदाई संस्था का रुकेगा भुगतान

जागरण संवाददाता, चंदौली : बेन-धरौली डबल लेन मार्ग के निर्माण में कार्यदाई संस्था की ओर से धांधली का मामला प्रकाश में आया है। 15 किलोमीटर मार्ग का निर्माण मशीन की जगह मजदूरों व बैलट से कराया जा रहा था। इस पर एक्सईएन पीडब्ल्यूडी मिथिलेश कुमार ने कार्यदाई संस्था का भुगतान रोकने के लिए मुख्य अभियंता को पत्र भेज दिया है। इसके बाद भुगतान रुकना तय माना जा रहा।

बेन-धरौली मार्ग पिछले काफी दिनों से क्षतिग्रस्त था। मार्ग का निर्माण गाजीपुर की एक कार्यदाई संस्था करा रही है। डबल लेन सड़क के निर्माण में मानक की अनदेखी की जा रही थी। मानक के अनुसार मशीनों के जरिये मार्ग का निर्माण कराया जाना था। लेकिन मशीन के स्थान पर मजदूर व बैलट लगाकर निर्माण कार्य कराया जा रहा था। इसके अलावा मानक को भी दरकिनार कर दिया गया। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों तक इसकी शिकायत पहुंची। एक्सईएन मिथिलेश कुमार ने मौके पर पहुंचकर निरीक्षण किया तो आरोप सही पाए गए। उन्होंने ठेकेदार को मशीन से काम कराने की हिदायत दी। लेकिन अधिकारियों के निर्देश का कोई असर नहीं हुआ। निर्माण कार्य पुराने ढर्रे पर ही चलता रहा। अधिकारियों की मानें तो ठेकेदार को दोबारा चेतावनी दी गई। इसका भी कोई असर नहीं हुआ। इस पर अधिशासी अभियंता ने मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर कार्यदाई संस्था का भुगतान रोकने की संस्तुति कर दी। एक्सईएन मिथिलेश कुमार ने बताया कि कार्यदाई संस्था की ओर से मार्ग के निर्माण में अनियमितता बरती जा रही थी। मशीन के स्थान पर मजदूर व बैलट से काम कराया जा रहा था। कई बार हिदायत देने के बाद सुधार नहीं हुआ तो कार्यदाई संस्था का भुगतान रोकने के लिए मुख्य अभियंता को पत्र भेज दिया गया है। मानक के अनुरूप दोबारा निर्माण कराने पर ही कार्यदाई संस्था को लागत का भुगतान कराया जाएगा।

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