जुआरियों की बढ़ी सक्रियता, पुलिस बेखबर
कोरोना संक्रमण काल में जुआरियों की सक्रियता बढ़ गई है। कस्बा गांव हो या फिर वनांचल की पहाड़ियां जुआ खुलेआम हो रहा है।
जागरण संवाददाता, शिकारगंज (चंदौली) : कोरोना संक्रमण काल में जुआरियों की सक्रियता बढ़ गई है। कस्बा, गांव हो या फिर वनांचल की पहाड़ियां, जुआ खुलेआम हो रहा है। ताश के पत्तों पर हजारों के दांव लगा लोग भाग्य आजमा रहे है। भाग्य के इस मोह जाल भरे इसे खेल में सैकड़ों परिवार तबाही का शिकार हो चुके हैं। कहीं ताश के पत्तों पर पपलू तो कहीं किट के नए-नए नाम से जुआ के फड़ सज रहे। इसमें युवा जुआ के लती हो घर की पूंजी गंवा बर्बादी के रास्ते पर हैं।
पुलिस का नाम सुनते ही जुआरी फड़ छोड़ कर भाग खड़े होते थे। बदले समय में अब पुलिस जुआरियों से वसूली तक सीमित रह गई है। इसके चलते जुआरियों को कानून का कोई डर नहीं रहता। बेखौफ संचालित फड़ पुलिस की मौजूदा कार्यशैली की वास्तविकता का खुलासा किए हैं। जुआ को लेकर यह हालत किसी एक गांव की नहीं है, बल्कि स्थानीय पुलिस चौकी के गांवों में धड़ल्ले से ताश के पत्तों पर जुए के फड़ गांवों में सुबह से ही शुरू हो जाते हैं। पंचायत चुनाव में कानून व्यवस्था का कड़ाई से पालन कराने में पुलिस की व्यस्तता बढ़ गई थी। आरोप है कि पुलिस अब फुर्सत में होने के बाद भी इस वाकया से जानबूझकर बेखबर बनी हुई है।
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वर्जन..
जुआ के फड़ सजने की जानकारी नहीं है। लिखित या मौखिक शिकायत मिलती है तो अभियान चलाकर इसमें लिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाएगी। पुलिस की सांठगांठ मिलने पर संबंधितों परकड़ा एक्शन लिया जाएगा। सभी एसओ को जुआ के ठिकानों पर छापेमारी के निर्देश दिए गए हैं।
- अनिल कुमार, एएसपी नक्सल।