जंक्शन पर अवैध वेंडरिग का भंडाफोड़
कायदे से यह काम तो जीआरपी और आरपीएफ को करना चाहिए था। लेकिन खाकी ढीली पड़ी तो रेल अधिकारियों को आगे आना पड़ा। दरअसल स्टेशन निदेशक हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में कामर्शियल विभाग की टीम ने
जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : कायदे से यह काम तो जीआरपी और आरपीएफ को करना चाहिए था। लेकिन खाकी ढीली पड़ी तो रेल अधिकारियों को आगे आना पड़ा। दरअसल स्टेशन निदेशक हिमांशु शुक्ला के नेतृत्व में कामर्शियल विभाग की टीम ने सोमवार की देर रात जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या एक पर अवैध तरीके से मिलावटी चाय बनाकर ट्रेनों में सप्लाई करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वाले पांच अवैध वेंडरों को पकड़कर आरपीएफ को सौंप दिया गया। कार्रवाई से एक तरफ जहां अवैध वेंडरों में खलबली मच गई तो रेलवे सुरक्षा तंत्र की लापरवाही भी खुलकर सामने आई।
स्टेशन डायरेक्टर हिमांशु शुक्ला को कई दिनों से सूचना मिल रही थी कि प्लेटफार्म नंबर एक स्थित एक किताब की बंद दुकान के समीप में कुछ लोग चाय बनाकर यात्रियों को बेचते हैं। इस काम के लिए बाकायदा स्टोव सहित अन्य सामान भी रखे हुए हैं। चाय बनाने में मिलावटी दूध का इस्तेमाल किया जाता है। डायरेक्टर ने देर रात तकरीबन दो बजे अपनी टीम के साथ छापेमारी की तो पांच अवैध वेंडर पकड़े गए। कामर्शियल विभाग की टीम ने सभी को आरपीएफ के हवाले कर दिया। डायरेक्टर ने बताया कि शिकायत पर छापेमारी की गई। लंबे समय से जंक्शन पर अवैध वेंडरिग का धंधा फलफूल रहा है। शिकायतें बढ़ जाती हैं और उच्चाधिकारी नाराज होते हैं तो आरपीएफ व कामर्शियल विभाग की टीम यदा कदा अभियान चलाकर कुछ वेंडरों को पकड़ लेती है।
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रात में होता असली खेल
जंक्शन पर काले सफेद का असली खेल रात में ही होता है। ट्रेनों की आवाजाही बढ़ती है तो अधिकारियों की चहलकदमी कम हो जाती है। अवैध वेंडर यात्रियों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर मुनाफा कमाते हैं। जो चाय यात्रियों को बेची जाती है वह जहर से कम नहीं होती। बड़ा सवाल यह कि जंक्शन की सुरक्षा की जिम्मेदारी उठाने वाले आरपीएफ और जीआरपी कर्मचारियों की नजर कभी इसपर नहीं पड़ी।