करेंट से मौत हुई तो एक माह में मिल जाएगा मुआवजा

विभागीय लापरवाही की वजह से मौत होने पर अब आश्रितों को एक माह के अंदर मुआवजा मिल जाएगा। पा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 28 Sep 2021 06:27 PM (IST) Updated:Tue, 28 Sep 2021 06:27 PM (IST)
करेंट से मौत हुई तो एक माह में मिल जाएगा मुआवजा
करेंट से मौत हुई तो एक माह में मिल जाएगा मुआवजा

जागरण संवाददाता, चंदौली : विभागीय लापरवाही की वजह से मौत होने पर अब आश्रितों को एक माह के अंदर मुआवजा मिल जाएगा। पावर कारपोरेशन ने 45 दिन में मुआवजा देने की प्रक्रिया में बदलाव किया है। नए नियम को तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। बाहरी व्यक्ति अथवा मवेशी की मौत के मामले में आर्थिक मदद दी जाएगी। बदलाव से लोगों को राहत मिलेगी।

बिजली विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से आमजन अथवा पशुओं की मौत पर मुआवजा दिया जाता है। हालांकि पहले इसकी प्रक्रिया 45 दिन में पूरी होती थी और आश्रितों को लंबा इंतजार करना पड़ता था। पावर कारपोरेशन ने 30 दिन में मुआवजा देने का नियम लागू किया है। नई व्यवस्था के तहत व्यक्ति की मौत का न्यूनतम मुआवजा पांच लाख रुपये से अधिक होगा।

यह है नया नियम

विभागीय लापरवाही से यदि कोई व्यक्ति करेंट लगने के बाद गंभीर हाल में अस्पताल में भर्ती कराया जाता है। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाती है तो पावर कारपोरेशन आश्रित को 5.25 लाख रुपये मुआवजा देगा। इसमें मेडिकल, अंत्येष्टि आदि का खर्च शामिल है। 14 साल से कम आयु के बच्चे की करेंट लगने से घटनास्थल पर मौत होने पर 7.65 लाख मुआवजा देने का प्रविधान है। पशुओं की मौत पर दोगुना मुआवजा दिया जाएगा।

लापरवाह कर्मी के वेतन से होगी रिकवरी

जिस कर्मचारी की लापरवाही की वजह से करेंट लगने से व्यक्ति की मौत होगी, उसके वेतन से ही मुआवजा की धनराशि की रिकवरी की जाएगी। इसके लिए बाकायदा निर्धारण कर दिया गया है कि किस हादसे के लिए कौन सा कर्मचारी जिम्मेदार व जवाबदेह होगा। 'मुआवजे की प्रक्रिया में बदलाव हआ है। वैसे ऐसे मामलों में रिपोर्ट लगाकर भेजी जाती है। पावर कारपोरेशन के निर्देशों का शत-प्रतिशत पालन कराया जाएगा। लापरवाह अधिकारियों-कर्मचारियों की भी नकेल कसी जाएगी।

एके सिंह, एक्सईएन

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