उपचार में जुटे स्वास्थ्यकर्मियों का 50-50 लाख का होगा बीमा
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में जुटे चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए सरकार आगे आ गई है। चिकित्सकों व चिकित्सा विभाग के जुड़े कर्मियों का 50-50 लाख का बीमा कराया जा रहा है। मरीजों के इलाज के दौरान चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ यदि किसी तरह की अनहोनी हो गई तो परिजनों को क्लेम मिलेगा।
जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना पॉजिटिव मरीजों के इलाज में जुटे चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की मदद के लिए सरकार आगे आ गई है। चिकित्सकों व चिकित्सा विभाग के जुड़े कर्मियों का 50-50 लाख का बीमा कराया जा रहा है। मरीजों के इलाज के दौरान चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों के साथ यदि किसी तरह की अनहोनी हो गई, तो परिजनों को क्लेम मिलेगा। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत सरकार ने चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए योजना लागू की है।
कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी भी आ रहे हैं। देश में अब तक कई चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी इसकी चपेट में आ चुके हैं। जिले में भी हालात ठीक नहीं है। मुख्यालय स्थित पंडित कमलापति त्रिपाठी जिला संयुक्त चिकित्सालय व चकिया स्थित जिला संयुक्त चिकित्सालय के करीब एक दर्जन से अधिक स्वास्थ्यकर्मी कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। ऐसे में कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे अन्य चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मी सशंकित हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज के तहत उपचार में जुटे चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों का 50-50 लाख का बीमा कराने का निर्णय लिया है। ताकि कर्मयोद्धाओं के साथ किसी तरह की अनहोनी होने पर उनके परिजनों को क्लेम मिल सके।
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इनको मिलेगा लाभ
बीमा का लाभ निजी व सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, विश्व स्वास्थ्य संगठन के कर्मियों, यूनिसेफ से जुड़े कर्मचारी, यूपीटीएसयू से जुड़े सलाहकार को मिलेगा। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्यकर्मी मसलन आशा संगीनी, आशा कार्यकर्ता, एंबुलेंस चालक, ईएमटी व स्वीपर भी बीमा से आच्छादित होंगे।
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वर्जन :
' कोरोना मरीजों के इलाज में जुटे चिकित्सकों, स्वास्थ्यकर्मियों, आशा, एंबुलेंस चालक, विश्व स्वास्थ्य संगठन व यूनिसेफ कर्मियों का 50-50 लाख का बीमा होगा। इसको लेकर शासन की गाइडलाइन प्राप्त हो चुकी है। किसी तरह की अनहोनी होने पर परिजनों को क्लेम मिलेगा।
डा. डीके सिंह, एसीएमओ