धुंध से सड़क हादसों में इजाफा, खुद सो रहे जगाने वाले

कोहरा वाहन चालकों को डरा रहा है। सड़क हादसों को बेहिसाब बढ़ा रहा है। जिम्मेदार सो रहे हैं।संसाधनों की कमी का रोना रो रहे हैं। परिवहन और यातायात विभाग की सजगता वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने तक सिमट कर रह गई है। आलाधिकारियों की सख्ती बढ़ती है तो इसी रिफ्लेक्टर के नाम पर दो चार वाहनों का चालान काट दिया जाता है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Dec 2019 06:25 PM (IST) Updated:Tue, 10 Dec 2019 12:16 AM (IST)
धुंध से सड़क हादसों में इजाफा, खुद सो रहे जगाने वाले
धुंध से सड़क हादसों में इजाफा, खुद सो रहे जगाने वाले

जासं, पीडीडीयू नगर (चंदौली) : कोहरा वाहन चालकों को डरा रहा है। सड़क हादसों को बेहिसाब बढ़ा रहा है। जिम्मेदार सो रहे हैं। संसाधनों की कमी का रोना रो रहे हैं। परिवहन और यातायात विभाग की सजगता वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने तक सिमट कर रह गई है। आलाधिकारियों की सख्ती बढ़ती है तो इसी रिफ्लेक्टर के नाम पर दो चार वाहनों का चालान काट दिया जाता है। सड़क सुरक्षा सप्ताह के तहत गोष्ठी और नुक्कड़ नाटक के जरिए आमजन को जागरूक करने की दशकों पुरानी रणनीति पर आज भी अमल हो रहा है। परिवहन विभाग दुर्घटनाओं में कमी लाने को लोक निर्माण विभाग और राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से भी सहयोग की अपेक्षा रखता है, लेकिन माकूल मदद नहीं मिल पा रही। कहने को बहुत, करने को कुछ नहीं

ठंड के इस मौसम में कोहरे और धुंध से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए परिवहन विभाग के पास शासन स्तर से जारी की गई शानदार रणनीति है लेकिन इस पर काम नहीं हो पा रहा। विभाग का सड़क सुरक्षा सेल ठंड शुरू होते ही लोक निर्माण विभाग और एनएचआइ को चिट्ठी जारी कर देता है कि अपने स्तर से भी लोगों को जागरूक करें और ब्लैक स्पाट सहित भीड़भाड़ वाले स्थानों और सार्वजनिक स्थलों पर संकेतक बोर्ड लगवाएं, ताकि वाहन चलाने वाले चौकन्ना हो सके। शायद आप को जानकारी न हो, लेकिन सड़क दुर्घटना और वाहनों के पलटने या फंसने की स्थिति में फौरी मदद के लिए टोल प्लाजा के आस-पास एंबुलेंस और क्रेन सुरक्षित रखी जाती हैं। इनका मोबाइल नंबर भी एनएचआइ और पीडब्ल्यूडी को जगह-जगह अंकित करना है, ताकि जरूरत के दौरान इनका इस्तेमाल किया जा सके। रिफ्लेक्टर लगवाने तक सिमटा अभियान

सड़क हादसों से निबटने के लिए परिवहन और यातायात विभाग के पास कोई खास रणनीति नहीं है। दोनों ही महकमे वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगवाने की कार्रवाई तक सिमट कर रह गए हैं। यातायात प्रभारी मिथिलेश तिवारी का कहना कि कोहरे के मद्देनजर दुर्घटनाएं रोकने को विभाग सजग है। अभियान चलाकर वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगवाए जा रहे हैं। वाहनों के इंडिकेटर आदि की भी जांच की जा रही है। ''रिफ्लेक्टर नहीं लगे होने पर एक सप्ताह के भीतर 150 से अधिक वाहनों का चालान किया जा चुका है। संकेतक बोर्ड लगवाने को पीडब्ल्यूडी और एनएचआइ को पत्र लिखा जा चुका है। धुंध के चलते होने वाली दुर्घटनाओं में कमी लाने को हरसंभव प्रयास किया जा रहा है।''

-विजय प्रकाश सिंह, एआरटीओ प्रवर्तन।

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