बीमा कार्ड रखिए पास, कैश पर कराइए इलाज

कोरोना काल में मेडिक्लेम बीमा पालिसी कराने वाले लोगों को इसका लाभ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 03:34 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 03:34 PM (IST)
बीमा कार्ड रखिए पास, कैश पर कराइए इलाज
बीमा कार्ड रखिए पास, कैश पर कराइए इलाज

जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना काल में मेडिक्लेम बीमा पालिसी कराने वाले लोगों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा। निजी अस्पताल संचालक मरीजों को भर्ती करने के लिए नकद मांग रहे हैं। जो लोग पैसे नहीं दे पा रहे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जा रहा। ऐसे में मजबूरन लोगों को नकद देकर इलाज कराना पड़ रहा है। सालाना हजारों रुपये देकर कराए गए स्वास्थ्य बीमा का कैशलेस कार्ड आपदा की घड़ी में बेकार साबित हो रहा है।

लोग इसी उम्मीद में स्वास्थ्य बीमा कराते हैं कि जब इलाज की जरूरत होगी तो पैसे न रहने पर भी उनका अच्छे ढंग से इलाज हो जाएगा। हालांकि कोरोना काल में सारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। ऐसे में स्वास्थ्य बीमा कार्ड भी निष्प्रयोज्य साबित हो रहा है।

स्वास्थ्य बीमा कार्ड के बाद भी दिक्कत

केस -1 चकिया के सुरेश मौर्या ने आइसीआइसीआइ फैमिली हेल्थ प्रोटेक्टर प्लान के तहत स्वास्थ्य बीमा कराया था। इसमें परिवार का भी रिस्क कवर है। 12 हजार रुपये सालाना तीन साल से बीमा कंपनी को प्रीमियम जमा कर रहे हैं। पिछले दिनों पत्नी का स्वास्थ्य बिगड़ा तो चंदौली स्थित प्राइवेट अस्पताल ले आए। यहां कार्ड देखने के बाद भी उनसे 40 हजार रुपये जमा करने को कहा गया। उनकी पत्नी का पित्त की थैली का आपरेशन था। कुछ दिन भर्ती थी कि कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। 12 दिन में उनसे 60 हजार रुपये लिया गया। दवा का खर्च अलग से। पत्नी की जान बचाने के लिए उन्होंने पैसे नहीं देखे। केस - 2 चंदौली नगर के नरोत्तम सिंह का रिलायंस फैमिली हेल्थ प्लान है, चार साल से सात हजार रुपये जमा करते हैं। उनकी स्वयं की तबीयत बिगड़ गई। चंदौली के एक अस्पताल में बीमा कार्ड दिखाया तो पहले 20 हजार रुपये जमा करने के बाद ही उनका इलाज हुआ। यह तो बानगी भर है, जिले में ऐसे काफी लोग हैं, जिन्होंने स्वास्थ्य बीमा कराया है लेकिन जरूरत के वक्त यह स्कीम बेकार साबित हो रही है। स्वास्थ्य बीमा कंपनियां करती हैं दावा स्वास्थ्य बीमा करने वाली कंपनी बीमा होने के दो साल के अंदर दुर्घटना होने पर कैशलेस इलाज का दावा करती हैं। इसके अलावा किसी तरह की बीमारी होने पर बीमा धन के बराबर इलाज का भरोसा उपभोक्ताओं को दिलाया जाता है। हालांकि संक्रमण के दौर में कंपनियों का दावा कोरा साबित हो रहा है। लोग कंपनी के एजेंटों को फोन कर शिकायत कर रहे हैं लेकिन वे भी कुछ नहीं कर पा रहे। वर्जन

पीड़ित लिखित शिकायत करें तो संबंधित अस्पताल से पूछताछ की जाएगी। जिले में चंदौली और पीडीडीयू नगर में तीन अस्पतालों में स्वास्थ्य बीमा कार्ड से इलाज की व्यवस्था है। उन्हें पूर्व में ही पत्र जारी किया गया है कि किसी मरीज को परेशानी न होने पाए।

डाक्टर वीपी द्विवेदी, मुख्य चिकित्साधिकारी

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