मिट्टी की बिगड़ती सेहत सुधारेगा जिप्सम

खेती-किसानी रासायनिक खाद के अधिक इस्तेमाल से घट रहा जीवांश कार्बन जिप्सम से मिट्टी रहेगी

By JagranEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 06:32 PM (IST) Updated:Mon, 11 Oct 2021 06:32 PM (IST)
मिट्टी की बिगड़ती सेहत सुधारेगा जिप्सम
मिट्टी की बिगड़ती सेहत सुधारेगा जिप्सम

खेती-किसानी

रासायनिक खाद के अधिक इस्तेमाल से घट रहा जीवांश कार्बन

जिप्सम से मिट्टी रहेगी नरम, बढ़ेगी जल प्रवाह क्षमता

जिप्सम खरीदने पर 75 फीसद अनुदान का प्राविधान

जागरण संवाददाता, चंदौली : जिप्सम कृषि प्रधान जनपद की बीमार मिट्टी की सेहत सुधारने में कारगर साबित होगा। कैल्शियम का प्रमुख स्त्रोत कार्बनिक पदार्थों को मिट्टी के कणों से बांधने का काम करता है। यह मिट्टी की ऊपरी सतह को सख्त बनाने से रोकने के साथ ही जल प्रवेश कराता है। इससे मिट्टी की सेहत में सुधार होगा। कृषि विभाग की ओर से अनुदान पर किसानों को जिप्सम का वितरण किया जाएगा। रासायनिक खाद के अत्यधिक इस्तेमाल से मिट्टी की सेहत दिनोंदिन बिगड़ती जा रही है। खासतौर से जीवांश कार्बन की मात्रा घट रही है। इसको देखते हुए कृषि विभाग ने पहल की है। किसानों को 75 फीसद अनुदान पर जिप्सम उपलब्ध कराया जाएगा। जिप्सम में मौजूद तत्व

जिप्सम कैल्शियम का अहम स्त्रोत है। इसके प्रयोग से मिट्टी के कणों में स्थिरता बढ़ती है और वायु का आवागमन सुगम बना रहता है। जिप्सम मृदा में कठोर परत को रोकने के साथ ही जल प्रवेश को बढ़ाता है। इससे मिट्टी नरम व उत्पादक बनती है। घट रही जीवांश कार्बन की मात्रा

मिट्टी में जीवांश कार्बन की मात्रा दिनोंदिन घटती जा रही है। खासतौर से जिक, सल्फर की मौजूदगी औसत के सापेक्ष के आधे से भी कम हो गई है। इसका असर उत्पादन पर पड़ रहा है। किसान अधिक रायासनिक खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं। यदि ऐसी ही स्थिति रही, तो मिट्टी बंजर हो जाएगी। जुताई के समय करें प्रयोग

कृषि उपनिदेशक विजेंद्र कुमार ने बताया कि जिप्सम को खेतों में डालने से मृदा संरचना में सुधार होता है। मिट्टी की क्षारीयता का असर कम होता है। इसकी अधिकता से फसलों के उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इससे भूमि के पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। खेतों की जुताई के वक्त जिप्सम डालें तो यह मिट्टी में मिलकर अच्छा काम करता है।

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