गरीबों पर शासन मेहरबान, बैंक कर रहे परेशान

पीएम स्वनिधि - अभी लंबित पड़े हैं 150 से अधिक आवेदन चक्कर काट रहे अभ्यर्थी - आवेदनों पर

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 05:19 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 05:19 PM (IST)
गरीबों पर शासन मेहरबान, बैंक कर रहे परेशान
गरीबों पर शासन मेहरबान, बैंक कर रहे परेशान

पीएम स्वनिधि :

- अभी लंबित पड़े हैं 150 से अधिक आवेदन, चक्कर काट रहे अभ्यर्थी

- आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई कर ऋण दिलाने का दबाव

- गरीब बेंडरों की मदद को सरकार ने शुरू की है योजना जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना काल में बेरोजगारी पर लगाम लगाने के लिए सरकार तमाम तरह के जतन कर रही है। नगरीय इलाकों में ठेला-खुमचा लगाकर जीवनयापन करने वालों की मदद के लिए पीएम स्वनिधि योजना चलाई जा रही है। इसके तहत गरीबों को 10 से 20 हजार रुपये तक ऋण देने का प्रविधान है, ताकि उनकी रोजी-रोटी सही ढंग से चलती रहे। हालांकि बैंक शासन की मंशा को पलीता लगा रहे हैं। जिले में पीएम स्वनिधि योजना के 150 से अधिक आवेदन लंबित हैं। बैंक सत्यापन के नाम पर तो अभिलेखों की कमी आदि का हवाला देकर कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहे हैं। इसके शासन की मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही।

महामारी ने महानगरों व गैंर प्रांतों में नौकरी करने वालों की घर-गृहस्थी बर्बाद कर दी। जान बचाने के लिए उन्हें भागकर घर आना पड़ा। ऐसे में सरकार स्थानीय स्तर पर रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए स्वरोजगार को लेकर तमाम योजनाएं संचालित की जा रही हैं। पीएम स्वनिधि योजना गरीब बेंडरों की मदद के लिए संचालित की जा रही है। इसके लिए सड़क किनारे ठेले-खुमचे लगाने वाले पथ दुकानदार पात्र माने गए हैं। जिले के चारों नगर निकाय क्षेत्र में रहने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित कर आवेदन कराया गया है। हालांकि बैंक आवेदनों पर कार्रवाई करने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे गरीबों को स्वरोजगार से जोड़ने की मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही। अच्छा नहीं है पिछला रिकार्ड

दरअसल, बैंकों की ओर से बांटे गए मुद्रा लोन का पिछला रिकार्ड अच्छा नहीं है। जिले में लगभग 20 हजार से अधिक लोगों को मुद्रा लोन दिया गया, लेकिन ऋण अदायगी काफी कम रही। काफी संख्या में वेंडर लोन लेकर फरार हो गए। पीएम स्वनिधि योजना में भी कहीं ऐसी ही स्थिति न हो जाए, इसको लेकर बैंक सशंकित हैं। ' स्वरोजगार योजनाओं के प्रगति की समय-समय पर समीक्षा की जाती है। अग्रणी जिला प्रबंधक को बैंकों के साथ समन्वय स्थापित कर अधिक से अधिक लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण दिलाने का निर्देश दिया गया है। लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अजितेंद्र नारायण, सीडीओ

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