60 मीटर के जलस्तर से ऊपर बह रहीं गंगा, तटवर्ती इलाके में बढ़ी दहशत

जिले में गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। फिलहाल गंगा 60 मीटर से ऊपर बह रही हैं। इससे तटवर्ती इलाके के गांवों में भय का माहौल है।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 07:23 PM (IST)
60 मीटर के जलस्तर से ऊपर बह रहीं गंगा, तटवर्ती इलाके में बढ़ी दहशत
60 मीटर के जलस्तर से ऊपर बह रहीं गंगा, तटवर्ती इलाके में बढ़ी दहशत

जागरण संवाददाता, टांडाकला (चंदौली) : जिले में गंगा का जलस्तर दो सेंटीमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से बढ़ रहा है। फिलहाल गंगा 60 मीटर से ऊपर बह रही हैं। इससे तटवर्ती इलाके के गांवों में भय का माहौल है। यदि जलस्तर में वृद्धि की यही रफ्तार रही तो बाढ़ जैसे हालात पैदा हो सकते हैं। प्रशासन भले ही इंतजाम मुकम्मल होने का दावा करे, लेकिन धरातल पर हकीकत बिल्कुल जुदा है।

पर्वतीय इलाकों में लगातार बारिश हो रही है। वहीं आसपास के इलाके में भी बारिश का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। इससे कल तक जिले की जिन नदियों में पानी नहीं था, वे वर्तमान में धारा पकड़कर बह रही हैं। इनका पानी भी बहकर गंगा में पहुंच रहा है। इससे गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। गुरुवार तक गंगा का जलस्तर काफी नीचे था, लेकिन शुक्रवार को अचानक पानी बढ़ गया। गुरुवार को गंगा 59 मीटर से ऊपर बह रही थीं। शनिवार को जलस्तर 60 मीटर को पार कर गया। गंगा के जलस्तर में वृद्धि से तटवर्ती इलाके के ग्रामीणों की चिता बढ़ गई है। दरअसल, क्षेत्र के भूपौली, डेरवां, महड़ौरा, कांवर, पकड़ी, महुअरियां, विशुपुर, महुआरी खास, सराय, बलुआ, डेरवाकला, महुअर कला, हरधन जुड़ा, गंगापुर, पुराबिजयी, पुरागणेश, चकरा, सोनबरसा, टांडाकला, महमदपुर, सरौली, तिरगांवा, हसनपुर, बड़गांवा, नादी-निधौरा, सहेपुर समेत अन्य गांवों के ग्रामीण हर साल बाढ़ की विभीषिका झेलते हैं। गंगा का पानी गांव में घुस जाता है। यहां तक कि घरों में भी पहुंच जाता है। वहीं जब जलस्तर घटने लगता है तो अपने साथ दर्जनों एकड़ जमीन व खेत लेकर जाता है। किसानों की उपजाऊ जमीन गंगा में समाहित हो जाती है। खेतों में खड़ी फसल भी बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है। इससे ग्रामीणों के सामने सिर्फ रोजी-रोटी का संकट ही नहीं खड़ा हो जाता, बल्कि पशुओं के लिए चारे का प्रबंध करना भी दुश्वार हो जाता है। जिला प्रशासन किसी भी तरह से स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह अलर्ट रहने का दावा भले करे, लेकिन हकीकत इससे परे है।

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