अंतिम आरक्षण सूची प्रकाशित, नहीं हुआ बदलाव
जिले में आई थीं 300 से अधिक आपत्तियां बदलाव न होने से मायूसी मायूसी - प्रधान के आरक्षण के
जिले में आई थीं 300 से अधिक आपत्तियां, बदलाव न होने से मायूसी
मायूसी :
- प्रधान के आरक्षण के खिलाफ आई थीं सर्वाधिक शिकायतें
- 1995 को मूल वर्ष मानकर आरक्षण में बदलाव की मांग
जागरण संवाददाता, चंदौली : जिला प्रशासन की ओर से आरक्षण सूची का अंतिम प्रकाशन कर दिया गया है। हालांकि आरक्षण सूची में कोई बदला नहीं हुआ है। इससे आपत्ति दाखिल करने वालों को मायूसी हाथ लगी है। जिले में 300 आपत्तियां दाखिल कर लोगों ने जिला प्रशासन की ओर से तैयार किए गए आरक्षण को चुनौती दी थी। 1995 को मूल वर्ष मानते हुए पुराने फार्मूले पर ही प्रधान पद का आरक्षण लागू करने की मांग की थी। हालांकि बदलाव न होने से उन्हें मायूसी हाथ लगी।
जिला पंचायत अध्यक्ष का पद शासन से अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। ग्राम प्रधान के 734, क्षेत्र पंचायत के 823, ब्लाक प्रमुख के नौ व जिला पंचायत सदस्य के 35 पदों के लिए जिला प्रशासन ने आरक्षण सूची 20 मार्च को जारी की थी। 23 मार्च तक आपत्ति दाखिल करने का समय दिया गया था। इस दौरान जिले भर में लगभग 300 शिकायतें आईं। लोगों ने आपत्ति दाखिल कर जिला प्रशासन की ओर से तैयार किए गए पंचायत पदों के आरक्षण को चुनौती दी थी। कई ग्राम पंचायतों में लोगों ने 1995 को मूल वर्ष मानते हुए आरक्षण में बदलाव की मांग की थी। अधिकारियों की टीम ने 24 व 25 मार्च को आपत्तियों का निस्तारण किया। लोगों को उम्मीद थी कि कई ग्राम पंचायतों के आरक्षण में बदलाव होगा लेकिन उनके मंशूबों पर पानी फिर गया। आरक्षण सूची में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है। अंतिम सूची में भी आरक्षण की स्थिति समान है। इससे शिकायतकर्ताओं को मायूसी हुई। जिला पंचायत राज अधिकारी ब्रह्मचारी दुबे ने कहा, शासन के मानक के अनुरूप आरक्षण तैयार किया गया था। आपत्तियों पर विचार करने के बाद अंतिम सूची जारी की गई।