बच्चों को समझाना, बेवजह घर से बाहर नहीं जाना
कोविड-19 संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने
जागरण संवाददाता, चंदौली : कोविड-19 संक्रमण की संभावित तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की आंशका जताई जा रही है। इससे बचाव व सावधानी के लिए बच्चों को अभिभावक, शिक्षक हर छोटी बड़ी जानकारी दें।
बच्चों को अगर दस्त, पेट दर्द, उल्टी, बदन गर्म हो, लगातार हल्की ़खांसी आ रही है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच जरूर कराएं। चिकित्सक के परामर्श पर ही उसका उपचार शुरू करें। घरेलू उपचार के लिए भी चिकित्सक की सलाह लेना जरूरी है।
जिला महिला चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डाक्टर राजेश कुमार ने कहा कोविड-19 की दूसरी लहर ने भी बच्चों को प्रभावित किया है। लेकिन संभावित तीसरी लहर से अधिक प्रभावित होने की आंशका है। इससे बचाव की तैयारी पहले ही करनी होगी। बच्चों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखें। खांसी, हल्का बलगम, बुखार और बदन दर्द होने पर कोविड जांच कराएं। अगर पूर्व में परिवार में किसी को कोरोना हुआ है तो भी बच्चे का कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। कहा कोरोना के कारण दस्त होने के केस कम हैं लेकिन इस लक्षण को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। बार-बार बच्चों को दस्त (डायरिया) होने पर उनमें कमजोरी बढ़ जाती है। साफ सफाई जरूर रखें
कोरोना काल में नवजात शिशु के साथ घर में साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। पांच वर्ष के ऊपर के बच्चों के खानपान की वस्तुएं खाने से पहले हाथों की सफाई व वस्तु की सफाई की आदत डालें। बच्चों को मास्क लगाने, लोगों से शारीरिक दूरी बना कर रखें। खाना खाने से पहले व किसी भी वस्तु को छूने के बाद साबुन से हाथ धोएं। बच्चा छोटा है तो हमेशा उस पर निगरानी रखें। छह माह से छोटे बच्चों को केवल मां का ही दूध पिलाएं। पांच वर्ष के ऊपर के बच्चे को प्रोटीनयुक्त डाइट दाल-रोटी, हरी सब्जी, साग,अंडा, मछली, दूध, पनीर, मौसम अनुसार फल आदि दें। वर्जन
संभावित तीसरी लहर भी घर में रहकर लड़ी जा सकती है। बच्चा यदि बीमार होता है तो तत्काल चिकित्सक को दिखाएं, उनकी सलाह पर उपचार करें। अस्पतालों में सारी सुविधाएं मौजूद हैं, इसलिए घबराएं नहीं। ज्यादा कारगर यही कि बच्चों को घर से बाहर न निकलने दें।
डाक्टर वीपी द्विवेदी, सीएमओ