कंटेनमेंट जोन का मिटा नामोनिशान, संक्रमण बेलगाम

जागरण संवाददाता चंदौली कोरोना जब काबू में था तो तमाम तरह के प्रतिबंध और नियम-कायदे ला

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 09:21 PM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 09:21 PM (IST)
कंटेनमेंट जोन का मिटा नामोनिशान, संक्रमण बेलगाम
कंटेनमेंट जोन का मिटा नामोनिशान, संक्रमण बेलगाम

जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना जब काबू में था तो तमाम तरह के प्रतिबंध और नियम-कायदे लागू किए जाते थे। गांवों और मोहल्लों में कंटेनमेंट जोन बनाकर कड़ाई के साथ कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा था लेकिन कोरोना बेलगाम हुआ तो कंटेनमेंट जोन का नामोनिशान नहीं है। शासन ने इसके लिए मानक तय किए हैं। हालांकि सिर्फ कागजी खानापूर्ति की जा रही है। कंटेनमेंट जोन में लोग आराम से घूम रहे हैं। उन पर कोई पाबंदी नहीं है। इससे संक्रमण तेजी से फैल रहा है। जिले में फिलहाल 1800 से अधिक सक्रिय केस हैं। ग्रामीण और नगरीय इलाकों में रोजाना दर्जनों की संख्या में मरीज मिल रहे हैं लेकिन कहीं कंटेनमेंट जोन नहीं बन रहा है। संक्रमित मरीजों के इलाकों में न तो कहीं घेरेबंदी कराई जा रही है और न ही लोगों के आवागमन पर किसी तरह ही पाबंदी है। ऐसे में संक्रमण की रफ्तार बढ़ती जा रही है। जिले में दूसरी लहर में कोरोना संक्रमण की दर लगभग आठ फीसद है। सैंपलिग के साथ ही मरीजों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि इसको लेकर प्रशासनिक सतर्कता नहीं दिख रही है। इससे संक्रमण को रफ्तार मिल रही है। निगरानी समितियां भी निष्क्रिय

पिछले साल कोरोना संक्रमण के दौरान अहम भूमिका निभाने वाली नगरों व गांवों में गठित निगरानी समितियां भी इस बार निष्क्रिय हैं। प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से समिति के सदस्यों के साथ न तो बैठकें की जा रही है और न हीं उन्हें कोई दिशा-निर्देश दिया जा रहा है। इसके चलते निगरानी समितियों के सदस्य हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। प्रशासन को इन्हें दोबारा सक्रिय करने की जरूरत है। ताकि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की सही ढंग से निगरानी की जा सके। वहीं गैर प्रांतों व महानगरों से आने वाले प्रवासियों पर भी नजर रखी जा सके।

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