परीक्षा में उर्वरक विक्रेताओं की परखी गई दक्षता

देशी (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर) के लिए पंजीकृत उर्वरक विक्रेताओं की परीक्षा सोमवार को मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में हुई। लखनऊ से आए योजना प्रभारी जेएन माथुर ने अपनी देखरेख में परीक्षा संपन्न कराई। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद जल्द ही परिणाम की घोषणा की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 Feb 2020 07:21 PM (IST) Updated:Tue, 18 Feb 2020 06:02 AM (IST)
परीक्षा में उर्वरक विक्रेताओं की परखी गई दक्षता
परीक्षा में उर्वरक विक्रेताओं की परखी गई दक्षता

जागरण संवाददाता, चंदौली : देशी (डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन सर्विसेज फार इनपुट डीलर) के लिए पंजीकृत उर्वरक विक्रेताओं की परीक्षा सोमवार को मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में हुई। लखनऊ से आए योजना प्रभारी जेएन माथुर ने अपनी देखरेख में परीक्षा संपन्न कराई। उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के बाद जल्द ही परिणाम की घोषणा की जाएगी।

सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्नत खेती के लिए जागरूक करने में जुटी है। कृषि विशेषज्ञों के साथ ही निजी उर्वरक विक्रेताओं को भी जागरूकता मुहिम में शामिल किया जा रहा है। उर्वरक विक्रेताओं को खेती-बाड़ी के गुर सिखाने के लिए डिप्लोमा कोर्स कराया जा रहा है। जिले के 40 उर्वरक विक्रेताओं की कक्षाएं पिछले एक साल से प्रत्येक रविवार को विकास भवन सभागार में संचालित की जा रही थी। कृषि विशेषज्ञों ने विक्रेताओं को उन्नत खेती, जैविक खेती, बीज शोधन और मृदा संरक्षण के तरीके बताए। साथ ही खेती में विविधता अपनाने के बाबत भी जागरूक किया गया। मसलन धान, गेहूं के साथ दलहनी, तिलहनी फसलों की खेती करने के लिए किसानों को जागरूक करने के टिप्स दिए गए। साथ ही बागवानी के साथ हल्दी, मूंगफली और सब्जी की खेती के तरीके बताए गए। कृषि विभाग की ओर से बीच-बीच में विक्रेताओं का टेस्ट लिया गया। एक वर्ष का कोर्स पूरा होने के बाद सोमवार को परीक्षा कराई गई। इसके लिए बाकायदा प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिकाएं दी गई थीं। प्रश्न पत्र हल करने के लिए तीन घंटे का समय दिया गया था। जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार भारती समेत विभागीय कर्मचारी मौजूद रहे।

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