आइजीआरएस शिकायतों के निस्तारण में चंदौली का प्रदेश में 75वां स्थान
चंदौली आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली आनलाइन शिकायतों को विभागाध्यक्ष गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस वजह से निस्तारण की स्थिति काफी खराब है।
जागरण संवाददाता, चंदौली : आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली आनलाइन शिकायतों को विभागाध्यक्ष गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इस वजह से निस्तारण की स्थिति काफी खराब है। जिला प्रदेश में 75वें स्थान पर पहुंच गया है। इससे जिले के आला अधिकारियों के लिए शासन स्तर पर जवाब देना मुश्किल हो गया है। जिलाधिकारी ने निस्तारण की नियमित समीक्षा के लिए समिति गठित की है। सीडीओ समेत अन्य अधिकारियों की टीम हर विभाग के शिकायतों के निस्तारण की पड़ताल कर रिपोर्ट बनाएगी। लापरवाही बरतने वाले विभागाध्यक्षों पर कार्रवाई तय मानी जा रही।
लोग जब सब जगह गुहार लगाकर थक जाते हैं तो आइजीआरएस पोर्टल पर शिकायत करते हैं। इस बात का भरोसा रहता है कि उनके मामले को शासन-प्रशासन जरूर संज्ञान लेगा लेकिन अधिकारी आनलाइन शिकायतों के निस्तारण को लेकर गंभीर नहीं। राजस्व, सिचाई, ग्राम्य विकास समेत अन्य विभागों की शिकायतें समय से निस्तारित न होने की वजह से डिफाल्टर की श्रेणी में शामिल हो गईं। अगस्त माह की रैंकिग में जिला 75वें स्थान पर पहुंच गया। शासन स्तर से शिकायतों के निस्तारण की लगातार समीक्षा की जा रही है। प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी शिकायतों के निस्तारण को लेकर वीडियो कांफ्रेंसिग में इसको लेकर चर्चा करते हैं। लोगों का भरोसा प्रशासनिक तंत्र से उठ जा रहा।
निस्तारण पर मिलने वाले अंक बनते हैं रैंकिग का आधार
आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के निस्तारण पर अंक दिए जाते हैं। शिकायतों की मार्किंग और अग्रसारण के लिए 10 नंबर, जीरो डिफाल्टर संदर्भ होने पर 50, सी श्रेणी के संदर्भ पर 15, शिकायतों को श्रेणीबद्ध करने पर 10 और संदर्भों की फीडिग पर 10 नंबर दिए जाते हैं। इसके आधार पर ही रैंकिग तय होती है। 'आइजीआरएस पोर्टल पर आने वाली शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण का निर्देश विभागाध्यक्षों को दिया गया है। इसकी समीक्षा के लिए समिति गठित की गई है। जिस विभाग की स्थिति खराब होगी, उस विभागाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई तय है।
संजीव सिंह, जिलाधिकारी