कोरोना संक्रमण से जनपद मुक्त, लापरवाही पड़ेगी भारी
अतिपिछड़ा जिला कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुका है। दो साल बाद जिले में एक भी संक्रमित नहीं है। एक व्यक्ति संक्रमित रहा लेकिन बुधवार को उसकी भी रिपोर्ट निगेटिव आ गई।
जागरण संवाददाता, चंदौली : अतिपिछड़ा जिला कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुका है। दो साल बाद जिले में एक भी संक्रमित नहीं है। एक व्यक्ति संक्रमित रहा, लेकिन बुधवार को उसकी भी रिपोर्ट निगेटिव आ गई। इससे आमजन के साथ ही स्वास्थ्य महकमा भी राहत महसूस कर रहा है। जिले में 13 मई 2020 को पहला कोरोना मरीज मिला था। इसके बाद संख्या बढ़ती ही चली गई।
प्रदेश के अन्य जिलों में कोरोना ने मार्च में ही दस्तक दे दी थी। हालांकि अतिपिछड़ा जिला बचा रहा। बाहरियों के जरिए जिले में संक्रमण फैला। मुंबई से आने वाले आटो चालक की सैंपलिग कराई गई थी। 13 मई 2020 को उसकी रिपोर्ट पाजीटिव आने के बाद खलबली मच गई। 30 मई को धानापुर निवासी संक्रमित की बीएचयू में इलाज के दौरान मौत हो गई। जिले में 16 मई को पहली लहर में सर्वाधिक 101 मरीज मिले थे। जिला प्रशासन की ओर से हाट स्पाट इलाकों की बाकायदा बैरिकेडिग कराई गई थी। हालांकि दूसरी लहर ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए। 50-100 की कौन कहे, एक-एक दिन में 500 से अधिक मरीज मिलने लगे। इस दौरान काफी संख्या में संक्रमितों को अपनी जान भी गंवानी पड़ी। अस्पतालों में संसाधन कम पड़ने लगे। कहीं बेड नहीं था तो कहीं आक्सीजन की किल्लत थी। ऐसे में मरीजों को घर पर ही रहना पड़ा। आक्सीजन सिलेंडर भरवाने के लिए प्लांटों पर लंबी-लंबी कतार लग गई थी। हालांकि जून माह से दूसरी लहर की रफ्तार कम होने लगी। पिछले कई दिनों से जिले में इक्का-दुक्का मरीज ही मिल रहे थे। तीन दिन पहले एक कोरोना संक्रमित मिला था। हालांकि बुधवार की शाम उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। वर्तमान में जिले में एक भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति नहीं है। इससे सभी ने राहत महसूस किया है।
वर्जन
जिले में इस समय कोई कोरोना संक्रमित मरीज नहीं है। यह राहत की बात है। हालांकि लोगों को पूरी सावधानी बरतनी होगी। लापरवाही भारी पड़ सकती है। इसलिए लोग कोविड प्रोटोकाल का बखूबी पालन करें।
डाक्टर वीपी द्विवेदी, सीएमओ