श्रद्धा व विश्वास से ही जीवन में आएगी भक्ति
जागरण संवाददाता चंदौली श्रद्धा व विश्वास से ही जीवन में भक्ति की भावना जागृत होती है। हर का
जागरण संवाददाता, चंदौली : श्रद्धा व विश्वास से ही जीवन में भक्ति की भावना जागृत होती है। हर कार्य के लिए गुरु का सानिध्य बेहद आवश्यक है। गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं। उक्त बातें मुख्यालय स्थित श्रीराम जानकी शिव मठ मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा के दौरान रविवार को कथा वाचक साध्वी आराधना ने कहीं।
उन्होंने शिव-पार्वती के विवाह की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कहा सती ने शरीर त्यागकर हिमांचल की पुत्री पार्वती के रूप में जन्म लिया था। नारद जी ने उनकी हस्तरेखा देखकर बताया कि इस कन्या के पति के माता-पिता नहीं होंगे। यह सुन पार्वती की माता सुनैना रोने लगीं। नारद जी ने उपाय बताया कि शिव की तपस्या करने से कुछ लाभ हो सकता है। नारद की बात मानकर पार्वती ने कठोर तपस्या की। इससे शिव व पार्वती का मिलन संभव हुआ। उनका मिलन श्रद्धा व विश्वास के मिलन के समान है। व्यक्ति में जब श्रद्धा और विश्वास होगा तभी भक्ति का बोध होगा और समाज में सुख-समृद्धि आएगी। उन्होंने कहा विवाह के लिए भगवान शिव को उनके गणों ने सजाया। सर्प से ऋंगार किया। वहीं नंदी पर शिव पीछे की तरफ मुंह कर बैठ कर ससुराल चले। उनकी नजर कैलाश की तरफ थी। यह भले ही अटपटा लगे, लेकिन भोलेनाथ ने इसके जरिए समाज को यह संदेश दिया कि ससुराल जाते वक्त भी लोगों को घर का ध्यान रखना नहीं भूलना चाहिए। हरिद्वार सिंह, जयशंकर द्विवेदी, शेर सिंह, पंकज तिवारी, जगतनारायण पांडेय आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।