शुभ काम में विलंब बनता है परेशानी का कारण
चंदौली शुभ काम में देरी ठीक नहीं होती है। शुभ काम तो तत्काल करें। वहीं अशुभ कार्यों को दूसरे दिन के लिए टाल दें।
जागरण संवाददाता, चंदौली : शुभ काम में देरी ठीक नहीं होती है। शुभ काम तो तत्काल करें। वहीं अशुभ कार्यों को दूसरे दिन के लिए टाल दें। राजा दशरथ ने राम के राज्याभिषेक में विलंब किया। इसलिए उन्हें अपने प्राण त्यागना पड़ा। उक्त बातें मुख्यालय स्थित श्रीराम जानकी शिवमठ मंदिर में आयोजित श्रीराम कथा के आठवें दिन कथा वाचक आराधना देवी ने कही।
उन्होंने कहा, राम विवाह के बारात अयोध्या लौटी तो माता सीता के सौंदर्य के बारे में जानने की प्रबल इच्छा अयोध्यावासियों में थी। सीता का चेहरा देखने के बाद पूरे अयोध्या में आनंद छा गया। इसी उमंग और उल्लास के बीच महाराज दशरथ के मन में राम का राज्याभिषेक कर उन्हें राजा बनाने का विचार आया। उन्होंने गुरु वशिष्ठ के आश्रम में जाकर अपने मन की इच्छा बताई। गुरु ने इसका समर्थन किया। उन्होंने कहा, इससे शुभ और कोई घड़ी हो ही नहीं सकती, जब राम का राज्याभिषेक होगा। इसे तत्काल किया जाना चाहिए। राजा दशरथ के इसे कल के लिए टाल दिया। इसकी वजह से उनकी मंशा कामयाब नहीं हो पाई। इसकी जानकारी होते ही मंथरा ने कुटिल साजिश रच दी। कैकेयी ने राम के 14 साल वनवास और भरत के लिए सिंहासन मांग लिया। शुभ काम को कल के लिए टालने का नतीजा रहा कि राजा दशरथ को अपने प्राण त्यागने पड़े। इसलिए शुभ काम में देरी नहीं करनी चाहिए। हरिद्वार सिंह, जयशंकर द्विवेदी, पंकज तिवारी, रोशन सिंह, मैनेजर पांडेय, आदित्यनारायण तिवारी, शमशेर सिंह, राजेश विश्वकर्मा रहे।