चंदौली की सिलेंडर से कोरोना मरीजों को आक्सीजन

जागरण संवाददाता चंदौली कोरोना संक्रमण काल में चंदौली की आक्सीजन सिलेंडर से वाराणसी व गा

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 01:01 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 01:01 AM (IST)
चंदौली की सिलेंडर से कोरोना मरीजों को आक्सीजन
चंदौली की सिलेंडर से कोरोना मरीजों को आक्सीजन

जागरण संवाददाता, चंदौली : कोरोना संक्रमण काल में चंदौली की आक्सीजन सिलेंडर से वाराणसी व गाजीपुर समेत अन्य जिलों के अस्पतालों में कोरोना मरीजों को संजीवनी मिल रही है। रामनगर औद्योगिक क्षेत्र व पीडीडीयू नगर स्थित कारखानों से सिलेंडर की आपूर्ति आसपास के जिलों में हो रही है। रोजाना लगभग चार हजार सिलेंडर की रिफिलिग हो रही। हालांकि खपत के सापेक्ष आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कारखानों में दिन-रात लगातार काम चल रहा है लेकिन डिमांड पूरी नहीं हो पा रही है।

कोरोना के गंभीर मरीजों के दिल कृत्रिम आक्सीजन के सहारे धड़क रहे हैं। ऐसे में आक्सीजन सिलेंडर की डिमांड में बेतहाशा इजाफा हुआ है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग व आक्सीजन सिलेंडर कारखाना संचालक पहले से कोरोना के इस तरह की चुनौती के लिए तैयार नहीं थे। ऐसे में वर्तमान में दुश्वारियां बढ़ गई हैं। डिमांड के अनुरूप अधिक से अधिक सिलेंडर की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए आक्सीजन सिलेंडर कारखानों में दिन-रात काम चल रहा है। जिले के रामनगर औद्योगिक क्षेत्र में चार और पीडीडीयू नगर में एक कारखाना है। यहां से जनपद के साथ ही वाराणसी और गाजीपुर के कोविड अस्पतालों में सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है। रोजाना लगभग चार हजार सिलेंडर की रिफिलिग की जा रही है। मेडिटेक गैसेस प्राइवेट लिमिटेड के मालिक पीके शाह और अन्नपूर्णा गैसेज के संचालक सुरेंद्र सोनी बताते हैं कि सिलेंडर की खपत 10 गुना बढ़ी है। पहले रोजाना बामुश्किल 50-60 आक्सीजन सिलेंडर की डिमांड रहती थी। यह बढ़कर अब प्रतिदिन 800 से एक हजार पहुंच गई है। इसके लिए छह हजार कासन मनी और तीन सौ रुपये गैस का शुल्क लिया जा रहा है। इसे पूरा करने के लिए दिन-रात लगातार काम चल रहा है। आक्सीजन कारखानों में लगी पुलिस व लेखपाल की ड्यूटी

जिला प्रशासन की ओर से आक्सीजन कारखानों की निगरानी की जा रही है। यहां पुलिस और लेखपाल की ड्यूटी लगाई गई है। लेखपाल एक-एक सिलेंडर का हिसाब-किताब रख रहे हैं। वहीं पुलिस व्यवस्था सुनिश्चित कर रही है। ताकि अस्पताल संचालक अथवा कोई भी व्यक्ति सिलेंडर के लिए कारखानों में किसी तरह का उपद्रव न मचा सके। 'जिले में आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करने वाले आधा दर्जन कारखाने हैं। रोजाना चार हजार सिलेंडर की रिफिलिग की जा रही है। यहीं से जनपद के विभिन्न अस्पतालों के साथ वाराणसी, गाजीपुर समेत अन्य जिलों में सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है। आक्सीजन कारखानों की निगरानी कराई जा रही।'

गौरव मिश्रा, उपायुक्त उद्योग

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