दो दशक बाद कलेक्ट्रेट की सौगात, नए भवन में डीएम ने सुनी फरियाद
चंदौली जिले को दो दशक बाद कलेक्ट्रेट की सौगात मिल गई। जिलाधिकारी संजीव
जागरण संवाददाता, चंदौली : जिले को दो दशक बाद कलेक्ट्रेट की सौगात मिल गई। जिलाधिकारी संजीव सिंह नए भवन में बैठने लगे हैं। इसके पूर्व ट्रेजरी भवन से डीएम दफ्तर संचालित हो रहा था। 21 करोड़ की लागत से पांच साल में कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण कराया गया है। जिला प्रशासन ने वाराणसी में रखे जिले के भू-अभिलेखों को यहां मंगाने की कवायद शुरू कर दी है।
वाराणसी से अलग कर 1997 में चंदौली को अलग जिला का दर्जा दिया गया था, लेकिन दो दशक तक सरकारी दफ्तर किराए के भवन में चलते रहे। यहां तक कि जिलाधिकारी भी ट्रेजरी भवन में बैठते थे। यहीं से डीएम कार्यालय संचालित हो रहा था। सपा सरकार ने 2015 में जिले में कलेक्ट्रेट भवन के निर्माण को मंजूरी दे दी। इसके लिए छह करोड़ रुपये बजट भी जारी कर दिया। इससे कलेक्ट्रेट परिसर में ट्रेजरी भवन तो बन गया लेकिन मुख्य भवन के लिए बजट नहीं आया और निर्माण लटक गया। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद 2019 में दोबारा बजट जारी हुआ। फिलहाल कलेक्ट्रेट भवन बनकर तैयार हो गया है। इसमें जिलाधिकारी, अपर जिलाधिकारी के चेंबर, दो सभागार, कोर्ट, अभिलेखागार, स्टेट बैंक की है। तीन सड़कों को चेयरमैन ने किया लोकार्पण
: नगर पालिका परिषद के ईस्टर्न बाजार में चेयरमैन संतोष खरवार ने नवनिर्मित तीन सड़कों का लोकार्पण किया। नगर पालिका इंटर कालेज से लेकर कसाब महाल तक, भरत चौरसिया के मकान से लेकर देवेंद्र व ओमकार जायसवाल के मकान तक, राममंदिर जाने वाले मार्ग की मरम्मत कराई गई है। राममंदिर मार्ग पर पांच लाख 73 हजार रुपये और दोनों सड़कों पर नौ नौ लाख रुपये खर्च हुए हैं। चेयरमैन ने बताया तीनों सड़कें लंबे समय से क्षतिग्रस्त थीं। शाखा खोलने के लिए अलग-अलग कक्ष बनाए गए हैं। इससे अधिकारियों व कर्मचारियों को कामकाज में सहूलियत हो रही है। वहीं फरियादियों के लिए भी राहत हो गई है।