कक्षों को खुद ही साफ करेंगे नौनिहाल, शिक्षक करेंगे प्रोत्साहित
चंदौली परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की झाड़ू लगाते अथवा सफाई करते फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर अब गुरुजनों की फजीहत नहीं होगी।
जागरण संवाददाता, चंदौली : परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की झाड़ू लगाते अथवा सफाई करते फोटो इंटरनेट मीडिया पर वायरल होने पर अब गुरुजनों की फजीहत नहीं होगी। शासन ने स्वच्छता अभियान में बच्चों को भी सहभागी बनाने का निर्देश दिया है। स्कूलों में नियमित 15 मिनट तक स्वच्छता से संबंधित गतिविधियां आयोजित कराई जाएंगी। इसमें बच्चों को शामिल कर उनके अंदर स्वच्छता की अलख जगाई जाएगी।
नई शिक्षा नीति अंतर्गत बच्चों को उनके मौलिक अधिकारों के साथ-साथ कौशल विकास, जल संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता, प्रदूषण व अपशिष्ट प्रबंधन के प्रति संवेदी बनाने का प्रविधान किया गया है। सरकारी स्कूलों में अवस्थापना सुविधाएं बढ़ने के साथ अब स्वच्छता कार्यों पर जोर होगा। शिक्षक, विद्यार्थी और अभिभावकों की सहभागिता से ये सभी कार्य किए जाएंगे। दरअसल, स्वच्छ भारत मिशन पर सरकार का पूरा फोकस है। इसलिए बच्चों में इसके प्रति लगाव व जागरूकता पैदा करने की पहल के तहत स्कूलों में स्वच्छता मुहिम शुरू करने की योजना बनाई गई है। स्वच्छता को लेकर शासन की ओर से की गई पहल के तहत स्कूलों में बच्चे रोजाना 15 से 20 मिनट सफाई करेंगे। इसको लेकर ऐसे आयोजन होंगे, जो बच्चों के लिए सहज व सरल हों। सफाई अभ्यास में भाग लेने वाले छात्रों को शिक्षक प्रोत्साहित करेंगे। उनका मार्गदर्शन करते हुए स्वयं भी सक्रिय रूप से प्रतिभाग करेंगे। स्कूलों में साफ-सफाई के लिए क्षेत्र का चिह्नीकरण व छात्रों के समूहों को कार्य का आवंटन भी शिक्षक ही करेंगे।
खतरनाक व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कार्य नहीं करेंगे बच्चे
विद्यालय में सप्ताह में एक दिन स्वच्छता को लेकर हाथ धोने, पानी की बचत करने के प्रयोग व शिष्टाचार जैसे क्रियाकलापों का भी आयोजन किया जाएगा। बच्चों से खतरनाक व उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक स्वच्छता कार्य नहीं कराए जाएंगे। साफ-सफाई के कार्यों के दौरान नोडल शिक्षक उनके साथ रहेंगे और निगरानी करेंगे। जिले के 1185 परिषदीय स्कूलों में मेरा विद्यालय स्वच्छ विद्यालय अभियान इन दिशा निर्देशों के साथ चलेगा।
समुदाय की भी होगी भागीदारी
पहल के तहत बच्चों से स्वच्छता कार्य कराने से पहले समुदाय और अभिभावकों के मध्य भी माहौल तैयार कर उन्हें स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जाएगा, ताकि बच्चों को स्वच्छता गतिविधियों में सहभागी देख उनके विरोध का सामना न करना पड़े। इसके लिए शिक्षक अभिभावकों की बैठक कर माहौल तैयार करेंगे।
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शासन ने मेरा विद्यालय स्वच्छ स्कूल की पहल की है। इसके तहत स्कूली बच्चों और अभिभावकों की सहभागिता के लिए प्रयास किए जाएंगे। इससे बच्चों के अंदर स्वच्छता को लेकर जागरूकता आएगी।
सत्येंद्र कुमार सिंह, बीएसए