दान करने से जागृत होते हैं व्यक्ति के पुण्य
जागरण संवाददाता बरहनी (चंदौली) दान हर व्यक्ति को करना चाहिए। चाहे वह किसी भी धर्म को म
जागरण संवाददाता, बरहनी (चंदौली) : दान हर व्यक्ति को करना चाहिए। चाहे वह किसी भी धर्म को मानने वाला ही क्यों न हो। दान करने से व्यक्ति के पुण्य जागृत होते हैं। कलयुग में तप, धर्म सब समाप्त हो गए हैं। बस दान ही रह गया है। जिसे सभी को करना चाहिए, क्योंकि यह मुक्ति का साधन भी है। अन्नदान, वस्त्र दान, विद्या दान, धन दान मनुष्य को सांसारिक मोह माया से दूर कर देते हैं। दान करने से व्यक्ति के अंदर धर्म का पालन करने की प्रवृत्ति जागृति होती है। यह बातें चिरईगांव में चल रहे चातुर्मास यज्ञ में बुधवार को सुंदर राज महाराज ने कहीं।
उन्होंने कहा कि दान से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास जागृत होता है। जो जीवन के कालचक्र में आई समस्याओं के निवारण में सहायक होता है। मानव कलयुग में ईश्वर के लिए अगर दान देता है, तो यह समझ लेना चाहिए कि उसके शरीर में पुण्य आत्मा का वास है। उसके पिछले जन्मों के कर्म अच्छे होंगे। तभी वह दानवीर है जो दान की प्रवृत्ति रखता है। वह श्रेष्ठ और सत्कर्मी होता है। किया गया दान व्यक्ति के जीवन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से वापस मिलता है। मृत्युंजय सिंह,शिवबच्चन सिंह,संतोष सिंह, भुपेन्द्र, उपेन्द्र, वंदना सिंह, पलक, अल्का सिंह आदि श्रध्दालु उपस्थित थे।