फाइलेरिया से निबटने को चलेगा अभियान, खिलाई जाएगी दवा
फाइलेरिया मुक्त भारत बनाने को शासन गंभीर है। ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर माइक्रो प्लान (दवा देने की योजना) के तहत 2022 तक फाइलेरिया मुक्त करने का कार्य होना है। जनसंख्या के अनुसार ब्लाक के
जासं, चकिया (चंदौली) : फाइलेरिया मुक्त भारत बनाने को शासन गंभीर है। ड्रग एडमिनिस्ट्रेटर माइक्रो प्लान (दवा देने की योजना) के तहत 2022 तक फाइलेरिया मुक्त करने का कार्य होना है। जनसंख्या के अनुसार ब्लाक के 89 ग्राम पंचायतों में करीब तीन लाख 75 हजार लोगों को फाइलेरिया की दवा घर-घर जाकर खिलाई जाएगी। इसके लिए आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को लगाया जाएगा। इनसे उनके क्षेत्र की जनसंख्या का रिकार्ड भी तलब किया जाएगा। 25 नवंबर से 12 दिसंबर तक फाइलेरिया से निबटने के लिए स्वास्थ्य विभाग अभियान चलाएगा।
फाइलेरिया से बचाव को लेकर स्वास्थ्य महकमा बड़े स्तर पर अभियान चलाने जा रहा। जिसकी शुरूआत इसी माह की जाएगी। इसकी रुपरेखा बनाकर तैयारी की जा रही है। इसमें आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम को भी शामिल किया जाएगा। अभियान को वृहद स्तर पर संचालित किया जाना है। इसके लिए टीम बनाकर दवा खिलाने का काम होगा। एक टीम एक हजार की आबादी को दवा खिलाएगी। टेबलेट खाने वालों का रिकार्ड भी आशा व आंगनबाड़ी को तैयार करना होगा। प्रत्येक टीम को 10 घरों में टेबलेट खिलाने पर धनराशि का भुगतान होगा। दवा खिलाने के लिए सावधानियां बरतनी होगी। इसके लिए आशा-आंगनबाड़ी को प्रशिक्षण भी होगा। अभियान का सुपरविजन करने के लिए एएनएम लगाई गईं हैं। इनकी निगरानी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अफसरों को लगाया गया है।
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इनसेट..
- ये बरतनी होगी सावधानी।
- दो वर्ष से कम उम्र वाले बच्चों को नहीं।
- 80 वर्ष से अधिक बुजुर्गों को मनाही।
- दो से पांच वर्ष तक एक टेबलेट।
- छह से 15 वर्ष तक दो टेबलेट।
-15 वर्ष से ऊपर वालों को तीन टेबलेट।
- गर्भवती व गंभीर बीमारी से ग्रसित को नहीं।
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इनसेट..
फाइलेरिया के लक्षण
जिला कोआर्डिनेटर सरिता के मुताबिक, हाथ व पांव में सूजन, स्तनों का असामान्य बड़ा होना, अंडकोष में सूजन ये कुछ फाइलेरिया के लक्षण हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य महकमा इस बार दवाएं खिलाने के साथ ही जागरूकता भी फैलाएगा। फाइलेरिया मादा मच्छर क्यूलैक्स फैटीगन्स के कारण फैलता है।
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वर्जन..
किसी व्यक्ति को खाली पेट दवा नहीं दी जानी है। दो वर्ष व 80 वर्ष से नीचे के व्यक्ति को दवा खाना अनिवार्य है। प्रशिक्षण कराकर आशा, आंगनबाड़ी व एएनएम को दवा खिलाने की जानकारी दी जाएगी। टीम 25 नवंबर से घर-घर दस्तक देगी। लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी।
डा. सुजीत सिंह, प्रभारी चिकित्साधिकारी