दो घर छोड़ बाकी पर चला बुलडोजर, मुआवजा न देने पर पीछे हटा प्रशासन

(चंदौली) नौबतपुर के बिरैली में राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सोमवार को शुरू करा दी। दो

By JagranEdited By: Publish:Mon, 20 Sep 2021 08:47 PM (IST) Updated:Mon, 20 Sep 2021 08:47 PM (IST)
दो घर छोड़ बाकी पर चला बुलडोजर, मुआवजा न देने पर पीछे हटा प्रशासन
दो घर छोड़ बाकी पर चला बुलडोजर, मुआवजा न देने पर पीछे हटा प्रशासन

जागरण संवाददाता, सैयदराजा (चंदौली) : नौबतपुर के बिरैली में राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए प्रशासन ने ध्वस्तीकरण की कार्रवाई सोमवार को शुरू करा दी। दो मकानों को छोड़कर शेष 43 मकानों पर बुलडोजर चला। राजमार्ग के लिए चिह्नित दायरे में आने वाले मकान व प्रतिष्ठान ढहा दिए गए। दो भू-स्वामियों को अभी तक मुआवजा नहीं मिला है। भुक्तभोगी पिछले 10 साल से चक्कर काट रहे हैं। तहसील प्रशासन ने मुआवजा मिलने के बाद कार्रवाई का भरोसा दिलाया।

राष्ट्रीय राजमार्ग चौड़ीकरण के लिए 2011 में जमीन का अधिग्रहण किया गया था। राजमार्ग को छह लेन बनाने के लिए आसपास मापी कराई गई। नौबतपुर के बिरैली मौजा में भी 45 लोगों के मकान और जमीन चिह्नित किए गए थे। इसमें शेष 43 को राजमार्ग प्राधिकरण ने मुआवजा दे दिया, लेकिन सुनीता व सरोज को मुआवजा नहीं दिया गया। आरोप है कि उनके हिस्से का आधा मुआवजा पड़ोसी को दे दिया गया। ऐसे में भू-स्वामियों ने आधी रकम लेने के इनकार कर दिया। अपने हिस्से का पूरा मुआवजा पाने के लिए भू-स्वामी पिछले एक दशक से तहसील व कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं। तहसील प्रशासन ने पिछले दिनों भू-स्वामियों को नोटिस भेजकर कार्रवाई की सूचना दी थी। लोगों से अपील की गई थी अपना निर्माण स्वत: गिरा दें, वरना प्रशासन कार्रवाई करेगा। सोमवार को सदर तहसीलदार शैलेंद्र कुमार के नेतृत्व में राजस्व व राजमार्ग प्राधिकरण के कर्मियों की टीम पहुंची। जेसीबी मशीन लगाकर चिह्नित दायरें में आने वाले मकान व दुकानें गिराई गईं। हालांकि सुनीता और सरोज बिना मुआवजा दिए कार्रवाई न किए जाने की मांग को लेकर अड़ गईं। ऐसे में तहसील प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा। निष्कर्ष यही निकला कि भुक्तभोगियों को पहले मुआवजा दिलाया जाएगा। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। इस पर भू-स्वामी भी तैयार हो गए। तहसील प्रशासन तुरंत कार्रवाई करते हुए दो-चार दिनों में मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया है।

दो एसडीएम की जांच में मिली अनियमिता

प्रकरण की दो एसडीएम जांच कर चुके हैं। 2019 में तत्कालीन सदर एसडीएम हीरालाल व 2020 में विजय नारायण सिंह ने मौके पर जाकर जांच की थी। इसमें व्यापक स्तर पर धांधली की पुष्टि हुई। उपजिलाधिकारियों ने डीएम को भेजी गई अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया था कि गलत ढंग से एवार्ड बनाया गया। वहीं मुआवजा वितरण में धांधली की गई। इसके बावजूद आज तक आरोपितों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।

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