विधिक जागरूकता से ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मंगलवार को चकिया तहसील सभागार में नि:शक्त व्यक्तियों के अधिकार व विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं विषय पर विधिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
जासं, चंदौली: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से मंगलवार को चकिया तहसील सभागार में नि:शक्त व्यक्तियों के अधिकार व विभिन्न सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं विषय पर विधिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सचिव अमित कुमार यादव ने बताया कि दिव्यांगों को विकास की मुख्यधारा में शामिल करने को अशक्तों की पहचान होना आवश्यक है। उनकी सुगमता तथा प्राप्त अधिकारों की व्यापकता ही उनके कौशल व रचनात्मकता का पोषण कर उन्हें दिव्यांग के विशेषण की अनुभूति करा सकती है। इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से 16 दिसम्बर 2016 को दिव्यांगजन अधिकार विधेयक पास किया गया। बदलते सामाजिक परिवेश में विकलांगता की नई-नई श्रेणियां प्रकाश में आई हैं। केंद्र सरकार ने अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए नई प्रकार की अक्षमताओं को विकलांगता की श्रेणी में रखा है। अब सात की जगह 21 प्रकार की अक्षमताओं को इस श्रेणी में डाला गया है। इसमें एसिड अटैक पीड़ित को भी शामिल किया गया है। तीन रक्त संबंधि थैलेसेमिया, हीमोफीलिया और सिकल सेल बीमारी का भी समावेश किया गया है। एसडीएम डीडी यादव ने बताया कि महिलाएं और बच्चे अनुसूचित जाति के सदस्य, औद्योगिक श्रमिक, बड़ी आपदाओं, ¨हसा, बाढ़, सूखे, भूकंप से पीड़ित व्यक्ति मुफ्त विधिक सहायता प्राप्त करने के पात्र हैं। तहसीलदार ने कहा सामाजिक कल्याणकारी योजनाओं का लाभ विधिक जागरूकता से उठाया जा सकता है। कार्यशाला में राजस्व अधिकारियों की ओर से उपस्थित वादकारियों को विधिक जानकारी दी गई। बताया कि 8 दिसम्बर को आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में वादकारी अपने मुकदमों का निस्तारण करा सकते हैं। इस अवसर पर अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी व कई वादकारी उपस्थित थे। संचालन अधिवक्ता जय प्रकाश ¨सह ने किया।