पर्यटकों के लिए औरवाटाड़ जलप्रपात अब होगा और खास
जागरण संवाददाता चकिया (चंदौली) औरवाटाड़ जलप्रपात व छानपातर दरी सैलानियों के लिए अब और
जागरण संवाददाता, चकिया (चंदौली) : औरवाटाड़ जलप्रपात व छानपातर दरी सैलानियों के लिए अब और खास होगा। वनांचल की वादियों में छिपे इस जलप्रपात व दरी को विकसित करने के लिए वन विभाग ने पहल शुरू कर दी है। पर्यटन स्थ्ल को इको टूरिज्म (पर्यावरण पर्यटन) बनाने की कवायद प्रारंभ हो गई है। वन विभाग के उच्चाधिकारियों ने स्थलों का निरीक्षण कर एक करोड़ 80 लाख का प्रोजेक्ट शासन को भेज दिया है। सब कुछ ठीक रहा तो मई माह से कार्य प्रारंभ हो जाएगा।
औरवटाड़ प्राकृतिक जलप्रपात व छानपातर दरी बाहर के पर्यटकों के लिए भले ही अनजान हो, पर क्षेत्रीय सैलानियों के लिए स्वर्ग सरीखा है। ऐतिहासिक धरोहर को संजोने के लिए पर्यटन विभाग की नजर भले ही न पड़ी हो लेकिन वन विभाग इन स्थलों को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने को आगे आ गया है। प्रभागीय वनाधिकारी दिनेश सिंह के निर्देश पर चंद्रप्रभा वन क्षेत्राधिकारी विजेंद्र पांडे व नौगढ़ वन क्षेत्राधिकारी रिजवान अहमद के नेतृत्व में वन विभाग की टीम ने औरवाटाड़ जलप्रपात व छानपातर दरी का स्थलीय निरीक्षण कर एक करोड़ 80 लाख रुपये का प्रोजेक्ट शासन को भेजा है। -------- क्या होगा निर्माण
प्रमुख जलप्रपात पर सैलानियों की सुरक्षा के मद्देनजर सीढ़ी का निर्माण व लोहे की पाइप लगाकर सुरक्षा चक्र बनाया जाएगा। इसके अलावा वाच टावर, चिल्ड्रेन पार्क, इको फ्रेंडली (समर हट), सोलर लाइट, मुख्य मार्ग से जलप्रपात व दरी स्थल तक जाने वाले रास्ते का जीर्णोद्धार, पौधारोपण, भित्ति चित्रों को जाली लगाकर सुरक्षित करने के साथ ही अन्य कार्य किए जाएंगे। अहम यह कि इस प्राकृतिक धरोहर पर पहुंचने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। -------------
मुख्यालय से कितनी दूर है स्थल जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर औरवाटाड़ जलप्रपात व लगभग चार किलोमीटर आगे बिहार सीमा पर छानपातर दरी है। नौगढ़ बांध का पानी औरवाटाड़ जलप्रपात में पहुंचकर विहंगम ²श्य उत्पन्न करता है। यहां क्षेत्रीय जन पहुंचकर सुरम्य वातावरण का आनंद उठाते हैं। ---------------
वर्जन- औरवाटाड़ जलप्रपात व छानपातर दरी को इको टूरिज्म बनाकर विकसित किया जाएगा। जलप्रपात व दरी को विकसित करने के लिए एक करोड़ 80 लाख का प्रोजेक्ट बनाकर शासन को भेजा गया है। शासन से हरी झंडी मिलते ही निर्माण कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
दिनेश सिंह, प्रभागीय वनाधिकारी काशी वन्यजीव प्रभाग