मुकदमें से नाराज ग्राम प्रधानों ने ब्लाक कार्यालयों में जड़ा ताला

शौचालय निर्माण में मुकदमें की कार्रवाई से नाराज ग्राम प्रधानों ने शनिवार को ब्लाक कार्यालयों में ताला जड़, जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप लगाया कि प्रशासन ओडीएफ के नाम पर अपना गला बचाने को प्रधानों पर कार्रवाई कर रहा है। शौचालय निर्माण का बहिष्कार करने व मुकदमा वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेताव

By JagranEdited By: Publish:Sat, 22 Sep 2018 07:07 PM (IST) Updated:Sat, 22 Sep 2018 07:07 PM (IST)
मुकदमें से नाराज ग्राम प्रधानों ने ब्लाक कार्यालयों में जड़ा ताला
मुकदमें से नाराज ग्राम प्रधानों ने ब्लाक कार्यालयों में जड़ा ताला

जागरण संवाददाता, चंदौली: शौचालय निर्माण में मुकदमें की कार्रवाई से नाराज ग्राम प्रधानों ने शनिवार को ब्लाक कार्यालयों में ताला जड़, जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। आरोप लगाया कि प्रशासन ओडीएफ के नाम पर अपना गला बचाने को प्रधानों पर कार्रवाई कर रहा है। शौचालय निर्माण का बहिष्कार करने व मुकदमा वापस नहीं लेने पर आंदोलन की चेतावनी दी। प्रधानों के आक्रोश को देख प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं। शासन के निर्देश पर दो अक्टूबर तक जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित किया जाना है। इसके मद्देनजर शौचालयों के निर्माण में तेजी को जिला प्रशासन ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। गांवों में जिला स्तरीय नोडल अधिकारियों की तैनाती कर प्रगति की जानकारी ली जा रही। शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी डा.एके श्रीवास्तव ने शौचालय निर्माण में अनियमितता पर दस सचिवों व ग्राम प्रधानों पर मुकदमा दर्ज करा दिया। शनिवार को कार्रवाई से नाराज ग्राम प्रधान लामबंद हो गए। सदर विकास खंड कार्यालय पर पहुंच बीडीओ का घेराव किया लेकिन लौटने के कुछ देर बाद फिर से अफसरों, कर्मचारियों को बाहर निकालकर दफ्तर में ताला जड़ विरोध प्रदर्शन किया। सदर ब्लाक कार्यालय में प्रधान संघ के अध्यक्ष अनुज ¨सह, जनार्दन यादव, प्रभात ¨सह सहित एक दर्जन से अधिक ग्राम प्रधानों ने बीडीओ एमपी चौबे का घेराव कर विरोध जताया। कर्मचारियों व बीडीओ को कार्यालय से बाहर निकाल ताला जड़ दिया। हालांकि कुछ ही देर में प्रशासन को भनक लगते ही एसडीएम आशीष कुमार दल बल के साथ कार्यालय पहुंच गए और ताला खुलवाया। कार्रवाई से नाराज ग्राम प्रधान धरने पर बैठ गए और आंदोलन की चेतावनी दी। छवि खराब कर रहा प्रशासन

ग्राम प्रधानों ने कहा कि जिला प्रशासन ग्राम प्रधानों की छवि खराब कर रहा है। मुकदमें की कार्रवाई से उनकी सामाजिक क्षति हुई है। भविष्य में इसकी भरपाई होना संभव नहीं है। कहा लाभार्थियों को धन मुहैया कराए जाने के बाद भी शौचालय का निर्माण नहीं कराएंगे तो उनका क्या दोष है।

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